
रतलाम, 30 जुलाई 2025 — पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने एक बार फिर भारतीय रेलवे के इतिहास में अपनी कार्यकुशलता और संचालन क्षमता का परचम लहराया है। मंडल ने लगातार 20 महीनों तक प्रति माह 1000 से अधिक क्रैक ट्रेनों के संचालन का कीर्तिमान स्थापित किया है, जो रेलवे परिचालन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

🚄 पहली बार दिसंबर 2023 में शुरू हुआ सिलसिला
रतलाम मंडल ने दिसंबर 2023 में पहली बार एक महीने में 1000 से अधिक क्रैक ट्रेनों का संचालन करके इस उपलब्धि की नींव रखी थी। तब से लेकर अब तक यह अभियान बिना किसी रुकावट के जारी है। इस दौरान कुल 26000 से अधिक क्रैक ट्रेनों का सफल संचालन किया गया है, जिसका औसत प्रति दिन 43 से अधिक ट्रेनों का है।
⚡ सबसे तेज़ क्रैक ट्रेन: रतलाम से वडोदरा
इस उपलब्धि के क्रम में 26 नवंबर 2024 को रतलाम से वडोदरा के बीच चलाई गई क्रैक ट्रेन ने 3 घंटे 47 मिनट में दूरी तय कर ली। इस दौरान 69.13 किमी/घंटा की औसत गति हासिल की गई, जो पश्चिम रेलवे की सबसे तेज क्रैक ट्रेन मानी जा रही है।
🛤️ सुपर-क्रैक ट्रेनों की शुरुआत ने बढ़ाई गति और दक्षता
रतलाम मंडल ने परंपरागत क्रैक ट्रेनों के साथ-साथ सुपर-क्रैक ट्रेनों का संचालन भी आरंभ किया है, जो एक से अधिक क्रू लॉबी को बायपास करती हैं, जिससे ट्रेन संचालन और अधिक तेज और कुशल हो गया है। निम्नलिखित मार्गों पर सुपर-क्रैक ट्रेनों का सफल संचालन किया गया:
- उज्जैन-बड़ौदा-उज्जैन
- गोधरा-भोपाल
- रतलाम-उधना-रतलाम
- बकानियॉं भौंरी-गोधरा-बकानियॉं भौंरी
- उज्जैन-वाणक बोरी-उज्जैन
- उज्जैन-करछिया यार्ड-उज्जैन
⏱️ सबसे लंबी दूरी की सुपर-क्रैक: गोधरा से भोपाल
3 मई 2024 को चलाई गई सुपर-क्रैक ट्रेन ने गोधरा से भोपाल के बीच की दूरी 6 घंटे 50 मिनट में पूरी की, जिसकी औसत गति 68.2 किमी/घंटा रही। यह पश्चिम रेलवे की सबसे लंबी चलने वाली और सबसे तेज सुपर-क्रैक ट्रेन रही है।
🌐 तीन डिवीजनों में क्रैक ट्रेन संचालन की ऐतिहासिक पहल
पश्चिम रेलवे ने पहली बार ऐसा क्रैक ट्रेन संचालन किया जो तीन डिवीजनों को जोड़ता है, जैसे:
- रतलाम-वटवा
- रतलाम-उधना
इन मार्गों पर दोनों दिशाओं में सफलतापूर्वक ट्रेनों का संचालन किया गया, जो इंटर-डिवीजनल समन्वय का बेहतरीन उदाहरण है।
🤝 विभागीय समन्वय और तकनीकी दक्षता से मिली सफलता
रतलाम मंडल की इस ऐतिहासिक सफलता का श्रेय रेलवे के सभी विभागों के तालमेल, पड़ोसी मंडलों के सहयोग, और पश्चिम रेलवे मुख्यालय टीम के निरंतर मार्गदर्शन को जाता है। यह कार्यप्रणाली भारतीय रेलवे की उत्कृष्टता और समयबद्ध संचालन का प्रतीक बन चुकी है।
🔍 निष्कर्ष: संचालन में दक्षता की मिसाल बना रतलाम मंडल
रतलाम मंडल ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि तकनीकी नवाचार, दक्ष नेतृत्व और विभागीय समन्वय के साथ कार्य किया जाए, तो रेलवे क्षेत्र में असंभव कुछ नहीं है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने रतलाम मंडल को भारत के सबसे दक्ष रेल मंडलों की सूची में अग्रणी बना दिया है।
