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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एकीकृत ट्रैक निगरानी प्रणाली और रोड-सह-रेल निरीक्षण वाहन का निरीक्षण: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया उद्घाटन

2 months ago 0 5

नई दिल्ली। रेल, सूचना एवं प्रसारण, और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एकीकृत ट्रैक निगरानी प्रणाली (ITMS) और रोड-सह-रेल निरीक्षण वाहन (RCRIV) का निरीक्षण किया। यह आधुनिक तकनीक रेलवे ट्रैक की सुरक्षा और रखरखाव में नई क्रांति लाएगी। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री सतीश कुमार, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री अशोक कुमार वर्मा, और कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

ITMS और RCRIV: रेल सुरक्षा में नई क्रांति

रेल मंत्री ने कहा कि ITMS और RCRIV का उपयोग ट्रैक निरीक्षण और रखरखाव में नवीनतम तकनीक का लाभ उठाकर रेलवे ट्रैक की सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाएगा। “यह सिस्टम ट्रैकमैन और अन्य रेलकर्मियों के जीवन को बेहतर बनाएगा। अब उनके पास रियल-टाइम डेटा तक पहुंच होगी, जिससे काम आसान, सुरक्षित और अधिक प्रभावी हो जाएगा,” श्री वैष्णव ने कहा।

इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS)

ITMS, ट्रैक रिकॉर्डिंग कार (TRC) पर लगाया जाने वाला एक उन्नत सिस्टम है, जो 20-200 किमी/घंटे की गति सीमा में ट्रैक के पैरामीटर्स की निगरानी करता है।

मुख्य विशेषताएं:

बिना संपर्क वाले लेजर सेंसर और हाई-स्पीड कैमरे: ट्रैक जियोमेट्री और रेल प्रोफाइल का सटीक मापन।

LIDAR तकनीक: MMD/SOD एनवेलप की सटीक निगरानी।

रियल-टाइम अलर्ट: खराब ट्रैक स्थानों की तत्काल पहचान।

डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग: ट्रैक घटकों (जैसे फास्टनिंग, स्लीपर, बैलास्ट) में दोषों की पहचान।


ITMS सिस्टम भारतीय रेलवे के ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम (TMS) से जुड़ा है, जिससे हर निरीक्षण रिपोर्ट को TMS पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। 2022-23 और 2023-24 में ITMS की शुरुआत ने ट्रैक निरीक्षण को और अधिक प्रभावी बनाया है।

रेल-सह-रोड निरीक्षण वाहन (RCRIV)

RCRIV को टाटा योद्धा मॉडल से संशोधित किया गया है। इसमें ट्रैक रिकॉर्डिंग के लिए लोहे के पहिए और उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं।

विशेषताएं:

तीन कैमरों की मदद से 15 दिनों तक ट्रैक रिकॉर्डिंग का बैकअप।

ट्रैक निरीक्षण और डेटा संग्रहण के लिए उन्नत तकनीक।

ट्रैक पर किसी भी दोष की पहचान में उच्च सटीकता।


रेलवे के लिए भविष्य की योजना

रेल मंत्री ने घोषणा की कि अगले कुछ वर्षों में ITMS और RCRIV को सभी रेलवे ज़ोनों में लागू किया जाएगा। रेलवे अब हर दो महीने में ट्रैक निरीक्षण और रखरखाव का लक्ष्य बना रहा है, जो पहले हर चार महीने में किया जाता था।
ITMS और RCRIV जैसी उन्नत तकनीकें रेलवे की सुरक्षा और संचालन में बड़ा बदलाव ला रही हैं। इन नवाचारों से न केवल ट्रैकमैन का जीवन आसान होगा, बल्कि यात्री सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। श्री वैष्णव ने कहा, “यह पहल भारतीय रेलवे को आधुनिक, सुरक्षित और अधिक कुशल बनाएगी।”

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