कोटा मंडल के रिछा गांव में एक बड़ा रेल हादसा टल गया, जब एक युवक विक्रम सिंह की सतर्कता से बचीं सैकड़ों जानें, विक्रम सिंह ने समय रहते रेल ट्रैक पर दरार देख ली और रेलवे को सूचना देकर कई जिंदगियों को बचा लिया। रेलवे ने इस साहसी युवक विक्रम सिंह को ₹2100 का नगद पुरस्कार देकर किया सम्मानित।विक्रम सिंह की सतर्कता से बचीं सैकड़ों जानें, रेलवे ने किया सम्मानित
🚆 रेलगाड़ी दुर्घटना टली: रिछा के विक्रम सिंह बने हीरो
📍स्थान: रिछा, कोटा मंडल, राजस्थान
📅 तारीख: 5 अगस्त 2025, सुबह 7:46 बजे

5 अगस्त की सुबह जब अधिकतर लोग अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त थे, तभी रिछा गांव के रहने वाले विक्रम सिंह ने वह कर दिखाया, जो शायद हर कोई नहीं कर पाता। उनकी सतर्कता और तत्काल निर्णय ने एक संभावित रेल हादसे को टाल दिया।
रेलवे ट्रैक में पड़ी दरार को देखकर उन्होंने न सिर्फ डरने की बजाय साहस दिखाया, बल्कि रेलवे स्टेशन तक दौड़कर अधिकारियों को तुरंत सूचना दी, जिससे समय रहते ट्रेनों को रोका जा सका और सैकड़ों यात्रियों की जानें सुरक्षित रह गईं। विक्रम सिंह की सतर्कता से बचीं सैकड़ों जानें, रेलवे ने किया सम्मानित


📉 कैसे हुआ हादसे का पता?
🚶♂️ पैदल जा रहे थे विक्रम, दिखी दरार
सुबह करीब 7:46 बजे विक्रम सिंह रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे, जब उन्होंने KM 724/07-05 के बीच ट्रैक पर एक स्पष्ट दरार (रेल फ्रैक्चर) देखी। यह नजारा देखकर वे एक पल भी नहीं रुके और सीधे लूनी रेलवे स्टेशन की ओर दौड़ पड़े।
उनकी यह तत्परता आज कई परिवारों को रोने से बचा गई।
🛑 रेलवे ने रोकी सभी ट्रेनों की आवाजाही
जैसे ही विक्रम सिंह ने स्टेशन मास्टर को सूचना दी, तुरंत रेलवे के उच्चाधिकारियों को अलर्ट भेजा गया।
रेल संचालन को तत्काल प्रभाव से रोका गया, ताकि कोई भी ट्रेन उस खतरनाक सेक्शन से न गुज़रे।
कुछ ही मिनटों में रेलवे की टेक्निकल टीम मौके पर पहुंची और दरार की जांच कर मरम्मत कार्य शुरू किया गया।
रेल विभाग ने बाद में साफ तौर पर माना कि –
“अगर समय रहते सूचना नहीं मिलती, तो एक गंभीर रेल हादसा हो सकता था।”
💰 सम्मान स्वरूप ₹2100 का इनाम
रेलवे विभाग ने इस सराहनीय कार्य को तुरंत पहचाना और विक्रम सिंह को ₹2100 का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की।
यह सम्मान अपर मंडल रेल प्रबंधक, कोटा मंडल की ओर से स्टेशन मास्टर के माध्यम से तत्काल प्रभाव से प्रदान किया गया।

रेलवे प्रशासन ने कहा,
“विक्रम सिंह का यह कर्तव्यनिष्ठ और साहसिक कदम आम जनता के लिए प्रेरणा है।”
❤️ नागरिक सतर्कता का सशक्त उदाहरण
विक्रम सिंह का यह कार्य बताता है कि जब एक आम नागरिक भी अपनी जिम्मेदारी समझता है, तो वह सिस्टम को मजबूत बना सकता है।
रेलवे अधिकारियों ने न सिर्फ विक्रम की साहसिकता की प्रशंसा की, बल्कि आम जनता से भी यह अपील की:
“अगर कभी आपको रेलवे ट्रैक, पुल, या किसी भी संरचना में गड़बड़ी दिखाई दे, तो तुरंत नजदीकी स्टेशन को सूचना दें। आपकी एक सूचना कई जिंदगियों को बचा सकती है।”
🔍 रेलवे फ्रैक्चर क्या होता है?
रेल फ्रैक्चर यानी रेलवे ट्रैक में दरार आना। यह किसी भी कारण हो सकता है –
- मौसम का बदलाव
- भारी ट्रेन की आवाजाही
- मेंटेनेंस की कमी
अगर इसे समय पर नहीं सुधारा जाए, तो पटरी से ट्रेन उतरने का खतरा बना रहता है।

विक्रम सिंह की सतर्कता न केवल एक तकनीकी सफलता है, बल्कि यह मानवीय संवेदना और सामाजिक जिम्मेदारी का भी जीवंत उदाहरण है। ऐसे समय में जब लोग अक्सर अपने काम में व्यस्त रहते हैं और किसी खतरे को देखकर भी अनदेखा कर देते हैं, विक्रम सिंह ने न केवल खतरे को पहचाना बल्कि उस पर तत्काल एक्शन लिया। यह दर्शाता है कि समाज में अब भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो “मैं नहीं, हम” की भावना से जीते हैं।
स्थानीय लोगों ने भी विक्रम की सराहना की और कहा कि उनका यह कदम युवाओं के लिए प्रेरणा है। ग्राम पंचायत के कुछ सदस्यों ने रेलवे से मांग की है कि विक्रम सिंह को राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया जाए, ताकि और लोग भी ऐसे कर्तव्यों के प्रति जागरूक हों।
रेलवे विभाग अब इस घटना के बाद रिचा स्टेशन क्षेत्र में निगरानी प्रणाली और मजबूत करने की योजना बना रहा है। साथ ही, स्थानीय लोगों को भी ट्रैक की निगरानी में सहभागी बनाने की दिशा में पहल की जा रही है।
विक्रम सिंह की इस नायकीय भूमिका ने यह साबित कर दिया कि कभी-कभी एक आम इंसान भी असाधारण बन जाता है, बस उसे जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए।
