मंदसौर, 24 जुलाई 2025 — मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में नारकोटिक्स विंग की हिरासत में आए एक युवक की संदिग्ध हालातों में हुई मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। घटना न सिर्फ पुलिस कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है बल्कि एक बार फिर मंदसौर स्थित अनुयोग अस्पताल और नारकोटिक्स विंग दोनों को आमजन की गहन चर्चा का केंद्र बना दिया है।

500 ग्राम एमडी के साथ हुई थी गिरफ्तारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नारकोटिक्स विंग ने बुधवार को महीपाल सिंह (निवासी उन्हेल) को पिपलिया सीरी के पास से गिरफ्तार किया था। उसके पास से कथित तौर पर 500 ग्राम एमडी (मेथाइलेंडियॉक्सी) नशीला पदार्थ बरामद किया गया था, जिसे अत्यंत खतरनाक माना जाता है।

गिरफ्तारी के बाद महीपाल सिंह को विंग द्वारा मंदसौर लाया गया, जहां उससे पूछताछ की जा रही थी। बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान ही उसकी तबीयत बिगड़ गई।

अनुयोग अस्पताल में भर्ती, लेकिन जान नहीं बची
जब आरोपी की तबीयत बिगड़ी तो नारकोटिक्स टीम ने उसे मंदसौर की नई आबादी स्थित निजी अनुयोग अस्पताल में भर्ती करवाया। सूत्रों के अनुसार, वह रातभर ICU में भर्ती रहा, लेकिन अगली सुबह उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
इस घटना की खबर जैसे ही फैली, अनुयोग अस्पताल के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी, और आम लोगों के प्रवेश पर भी नियंत्रण रखा गया।
जनता में फैली शंका: “अनुयोग में आखिर ऐसा क्या हुआ?”
सुबह से ही स्थानीय नागरिकों और राहगीरों के बीच यह सवाल चर्चा में रहा कि “आखिर अस्पताल में ऐसा क्या हुआ, जो पुलिस को इस तरह तैनात करना पड़ा?”
इस घटना ने सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय चौपालों तक बहस को जन्म दे दिया है। कई लोगों ने इसे कस्टोडियल डेथ करार दिया है, तो कुछ इसे पुलिस के डर के कारण अस्पताल में बचे साक्ष्यों की सुरक्षा से जोड़ रहे हैं।
पुलिस और परिजनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप
परिजनों ने नारकोटिक्स विंग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि महीपाल सिंह को गिरफ्तारी के बाद बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। उन्होंने यह भी कहा कि यदि समय पर सही इलाज मिलता या हिरासत में उसके साथ क्रूरता नहीं होती, तो उसकी जान बच सकती थी।
वहीं, पुलिस का दावा है कि मौत स्वाभाविक है और उसे समय पर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया था। मामले की निष्पक्षता के लिए पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
पूर्व में भी रहा है आपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मृतक महीपाल सिंह का मादक पदार्थ तस्करी से जुड़ा पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। वह करीब 12 वर्षों तक सजा काट चुका था और हाल ही में जेल से बाहर आया था।
वर्तमान गिरफ्तारी को उसी पुराने नेटवर्क की दोबारा सक्रियता के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। पुलिस उसे एक अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट से जुड़े व्यक्ति के रूप में देख रही थी, और इसी संदिग्ध आधार पर उसे पकड़ा गया था।
