सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी हो सकती है, क्योंकि 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। जनवरी 2026 में 7वें वेतन आयोग की 10 साल की अवधि समाप्त हो जाएगी, और इसके बाद नए वेतन आयोग के गठन की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। इसे फरवरी 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान गठित किया गया था। इसने कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में काफी सुधार किया था और पेंशनधारकों को भी लाभ मिला था।
8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीदें हैं?
8वें वेतन आयोग से जुड़ी अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि सरकार इसे अगले साल 2025 तक गठित कर सकती है। इससे सरकारी कर्मचारियों को नई बेसिक सैलरी संरचना और भत्तों में वृद्धि का लाभ मिल सकता है।
क्या हो सकते हैं बदलाव?
विशेषज्ञों के अनुसार, नए वेतन आयोग में निम्नलिखित सुधारों पर जोर दिया जा सकता है:
बेसिक सैलरी में बड़ी वृद्धि: कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी को महंगाई के अनुसार संशोधित किया जा सकता है।
प्रदर्शन आधारित वेतन: 8वें वेतन आयोग में परफॉर्मेंस-लिंक्ड वेतन संरचना पर चर्चा हो सकती है।
पेंशनभोगियों के लिए राहत: पेंशन में महंगाई भत्ते (DA) को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने की संभावना है।
भत्तों में संशोधन: आवास, चिकित्सा और यात्रा भत्ते में भी बदलाव हो सकता है।
सरकार का रुख
सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग के गठन पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन कर्मचारियों की ओर से इसकी मांग जोर पकड़ रही है। कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई और जीवन स्तर में बदलाव के साथ उनकी सैलरी और भत्तों को भी नए सिरे से तय किया जाना चाहिए।
फोकस क्षेत्र
8वें वेतन आयोग का मुख्य फोकस वेतन और पेंशन में संतुलन बनाए रखना होगा, जिससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। इसके अलावा, आयोग डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को ध्यान में रखते हुए नई नीतियां तैयार कर सकता है।
सरकारी कर्मचारियों को अब 2025 में होने वाली संभावित घोषणा का इंतजार है, जो उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।