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मिक्सर मशीन में फंसकर मजदूर की दर्दनाक मौत: ग्रीनको कंपनी की लापरवाही पर सवाल

1 week ago 0 6

मिक्सर मशीन में फंसकर मजदूर की दर्दनाक मौत: ग्रीनको कंपनी की लापरवाही पर सवाल

मिक्सर मशीन में हादसा:
ग्राम खिमला में चल रहे ग्रीनको प्राइवेट लिमिटेड के विद्युत पावर प्लांट के निर्माण कार्य के दौरान एक मजदूर की दर्दनाक मौत ने स्थानीय प्रशासन और कंपनी की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना में शिवपुरी जिले के ग्राम काकड़ निवासी 20 वर्षीय युवक जितेंद्र परिहार की जान चली गई। यह हादसा बीते दिन तब हुआ जब जितेंद्र कार्य के दौरान मिक्सर मशीन में फंस गया।+

घटना का विवरण:
ग्रामीणों और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ग्रीनको प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विद्युत पावर प्लांट का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। इसके तहत विभिन्न कार्यों को पेटी ठेकेदार कंपनियों के माध्यम से पूरा किया जा रहा है। इन्हीं कंपनियों में से एक, आईटीआई कंपनी, निर्माण कार्य की ज़िम्मेदारी संभाल रही थी। हादसे के समय जितेंद्र निर्माण स्थल पर काम कर रहा था। अचानक उसका हाथ मिक्सर मशीन में फंस गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

घायल अवस्था में उसे तुरंत रामपुरा के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। स्थिति बिगड़ने पर उसे पहले नीमच और फिर उदयपुर रेफर किया गया। उदयपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान जितेंद्र ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया और परिवार को सौंप दिया गया।

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मिक्सर मशीन और लापरवाही:
इस दर्दनाक घटना के बाद जितेंद्र के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों ने कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कंपनी ने निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की, जिसके कारण यह हादसा हुआ।

गांव के लोगों का कहना है कि मजदूरों के लिए किसी प्रकार के सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। साथ ही, कंपनी के प्रबंधन द्वारा हादसे के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों और मजदूरों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है।

लापरवाही के आरोप:
स्थानीय प्रशासन और पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मिक्सर मशीन के संचालन में सुरक्षा उपायों की कमी थी। मजदूरों को काम के दौरान किसी भी प्रकार के सुरक्षा गियर, जैसे दस्ताने, हेलमेट या अन्य उपकरण, उपलब्ध नहीं कराए गए थे। यह सवाल भी उठ रहे हैं कि मशीनों की नियमित जांच क्यों नहीं की गई और हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है।

कंपनी का पक्ष:
ग्रीनको प्राइवेट लिमिटेड और आईटीआई कंपनी ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की बात कही है। लेकिन यह मुआवजा इस दर्दनाक घटना के लिए पर्याप्त नहीं माना जा रहा।

सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल:
यह पहली बार नहीं है जब निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे हैं। मिक्सर मशीन जैसी भारी उपकरणों के संचालन में लापरवाही अक्सर गंभीर हादसों का कारण बनती है। ग्रीनको कंपनी जैसी बड़ी कंपनियों द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से कार्य करवाने के दौरान अक्सर सुरक्षा उपायों की अनदेखी की जाती है। ऐसी घटनाएं न केवल मजदूरों की जान को खतरे में डालती हैं, बल्कि कंपनियों की कार्य प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। रामपुरा पुलिस ने मिक्सर मशीन को सील कर दिया है और कंपनी प्रबंधन से पूछताछ जारी है। प्रशासन ने यह आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

मिक्सर मशीन और सुधार के सुझाव:
इस घटना ने मजदूरों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों को लागू करना और उनका कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर मजदूर को आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं और उन्हें सुरक्षा के नियमों का प्रशिक्षण दिया जाए।

जितेंद्र की याद में:
जितेंद्र एक मेहनती और जिम्मेदार युवक था, जो अपने परिवार का सहारा था। उसकी अचानक मौत ने न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे गांव को गहरे शोक में डाल दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से न्याय की मांग की है और उम्मीद जताई है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

निष्कर्ष:
मिक्सर मशीन में फंसकर हुई इस दर्दनाक मौत ने एक बार फिर से निर्माण कार्यों में मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा की हैं। यह जरूरी है कि ग्रीनको जैसी बड़ी कंपनियां अपनी जिम्मेदारी समझें और मजदूरों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। प्रशासन और संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। जितेंद्र के परिवार को न्याय मिलना और दोषियों को सजा देना ही इस हादसे का सही समाधान होगा।

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