नई दिल्ली, 9 दिसंबर 2024 – केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) बिल पेश करने की तैयारी में है। इस ऐतिहासिक बिल को चर्चा के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के पास भेजा जाएगा
कैबिनेट ने सितंबर में दी थी मंजूरी
सितंबर 2023 में केंद्रीय कैबिनेट ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की थी कि इस व्यवस्था के तहत पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इसके 100 दिनों के भीतर दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव होंगे।
कोविंद पैनल ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी। यह रिपोर्ट 18,626 पन्नों की है और इसे 191 दिनों की रिसर्च और विशेषज्ञों व हितधारकों के विचार-विमर्श के आधार पर तैयार किया गया है।
कोविंद पैनल की 5 प्रमुख सिफारिशें
1. राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाना – सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक बढ़ाने की सिफारिश।
2. हंग असेंबली का समाधान – बहुमत न मिलने या नो-कॉन्फिडेंस मोशन के बाद नए चुनाव का प्रावधान।
3. दो चरणों में चुनाव – पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव; दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव।
4. सिंगल वोटर लिस्ट – लोकसभा, विधानसभा, और निकाय चुनावों के लिए एकीकृत वोटर लिस्ट और सिंगल वोटर आईडी।
5. संसाधनों की एडवांस प्लानिंग – उपकरण, जनशक्ति, और सुरक्षा बलों की योजना पहले से तैयार करने की सिफारिश।
संवैधानिक और कानूनी बदलाव जरूरी
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ लागू करने के लिए 18 संवैधानिक बदलावों की जरूरत है।इनमें से ज्यादातर बदलावों के लिए राज्यों की सहमति आवश्यक नहीं होगी।सिंगल इलेक्टोरल रोल और सिंगल वोटर आईडी के लिए राज्यों की मंजूरी जरूरी होगी।विधि आयोग और राजनीतिक दलों के बीच सहमति से इसे 2029 से लागू किया जा सकता है।
पहला चरण: 2025 में चुनाव की योजना
6 राज्य – बिहार, असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी।
इन राज्यों का मौजूदा कार्यकाल घटाकर नए कार्यकाल के साथ समायोजित किया जाएगा।नवंबर 2025 में इन राज्यों में चुनाव कराने की योजना है।