Menu

नीलगाय आतंक: किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे जंगली जानवर | नीलगाय से जूझ रहे किसान

नीलगाय आतंक

3 weeks ago 0 212
नीलगाय आतंक

नीलगाय आतंक से जूझते किसान

मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के किसानों के लिए नीलगाय (जिसे स्थानीय भाषा में रोजड़ा या घोड़ारोज भी कहा जाता है) एक बड़ी समस्या बन गई है। दिसंबर और जनवरी के महीनों में नीलगाय आतंक और बढ़ जाता है। ये जंगली जानवर खेतों में झुंड बनाकर घुसते हैं और फसलों को चौपट कर देते हैं। नीलगाय का आतंक किसानों के लिए हर साल एक गंभीर चुनौती बन चुका है।

नीलगाय आतंक से फसलों की सुरक्षा में मुश्किलें

किसान नीलगाय के आतंक से अपनी फसलों को बचाने के लिए विभिन्न उपायों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन इन उपायों के बावजूद नीलगाय फसलों को नष्ट करने से बाज नहीं आ रही। कुछ किसान खेतों के चारों ओर जाली और कंटीली झाड़ियां लगा रहे हैं, तो कुछ देसी जुगाड़ का सहारा ले रहे हैं, जैसे खेतों के आसपास साड़ियां बांधना या पुतले बनाना। हालांकि, नीलगाय आतंक के कारण ये उपाय पर्याप्त नहीं हो पा रहे हैं, और किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

नीलगाय का हमला खासतौर पर अफीम और दलहनी फसलों पर

नीलगाय आतंक खासतौर पर किसानों की मेहनत से उगाई जाने वाली अफीम की फसल और दलहनी फसलों को निशाना बना रहा है। अफीम के पौधों और डोडों को नीलगाय खा जाती हैं और बची हुई फसल को रौंद देती हैं। कई बार नीलगाय किसान पर हमला कर उन्हें घायल भी कर देती हैं। इस नीलगाय आतंक के कारण, किसान अपनी पारंपरिक फसलें जैसे चना और अरहर की खेती छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।

you can also read reated news on dainik bhaskar https://dainik.bhaskar.com/S9NehLwoOPb

चने और अरहर की खेती छोड़ने वाले किसान

रतलाम, मंदसौर, नीमच और उज्जैन जैसे जिलों में किसान अब चने और अरहर जैसी दलहनी फसलों की खेती कम कर रहे हैं। जंगली सूअर और नीलगाय के आतंक के कारण, किसान अब वैकल्पिक फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। कुछ सक्षम किसान खेतों की फेंसिंग कर बागवानी और सब्जियों की खेती शुरू कर रहे हैं, लेकिन यह नीलगाय आतंक से पूरी तरह से निजात दिलाने वाला समाधान नहीं है।

नीलगाय से बचने के लिए सरकारी मदद का अभाव

किसानों का आरोप है कि सरकार नीलगाय आतंक के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। भारी-भरकम खर्च के बावजूद किसान जंगली जानवरों से निजात पाने में असमर्थ हैं। कई किसान अपने खेतों की सुरक्षा के लिए झटका मशीनों का उपयोग कर रहे हैं, जो कभी-कभी खतरनाक साबित हो सकता है। सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस योजना या सहायता नहीं मिलने के कारण किसानों का जीवन और मुश्किल हो गया है।

नीलगाय पकड़ने के अभियान और सरकारी पहल

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में वन विभाग ने नीलगाय पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया। हेलीकॉप्टर की मदद से नौ नीलगायों को सुरक्षित पकड़कर गांधी सागर के जंगल में छोड़ा गया। इन जानवरों पर लाल रंग से निशान बनाए गए ताकि इन्हें आसानी से पहचाना जा सके। हालांकि, यह अभियान सीमित था और किसानों के लिए नीलगाय आतंक का पूर्ण समाधान नहीं प्रदान करता।

you can see also this article https://yashasviduniya.com/precautions-to-be-taken-by-blood-pressure-patients-in-winter/

y

नीलगाय आतंक से निपटने के समाधान की आवश्यकता

नीलगाय आतंक से निपटने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। किसानों का सुझाव है कि नीलगायों को पकड़ने और जंगल में छोड़ने के लिए एक स्थायी कार्यक्रम बनाया जाए। इसके अलावा, विद्युत तारों में करंट प्रवाहित करने जैसे खतरनाक उपायों पर रोक लगानी चाहिए। सरकार और प्रशासन को किसानों के लिए सुरक्षा और राहत का एक प्रभावी उपाय विकसित करना चाहिए।

नीलगाय का आतंक किसानों की आजीविका पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। फसलों की सुरक्षा और किसानों की मेहनत को बचाने के लिए सरकार और प्रशासन को मिलकर समाधान निकालना होगा। अगर यह नीलगाय आतंक जल्दी सुलझाई नहीं गई, तो किसानों को अपनी पारंपरिक कृषि पद्धतियों को छोड़कर और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

police action on liqor smuggler see news on our website https://yashasviduniya.com/strict-police-action-against-illegal-liquor-in-sitamau-3-shocking-revelations/

किसान कर रहे हैं अपना जीवन खतरे में डालकर घोड़ा रोज़ को रोकने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल

मंदसौर नीमच जिले के आसपास घोड़ा रोज में लोगों का जीना हराम कर रखा है किसान की मेहनत की फसल और घोड़ा रोज थोड़ी देर में पानी फेर देते हैं जिन्हें बचाने के लिए किस आजकल अपने खेतों के आसपास तार लगा रहे हैं एवं कुछ किस तो तार में करंट भी छोड़ रहे हैं अभी 2 दिन पूर्व ही शामगढ़ थाने के ग्राम बनी में एक करंट से विनोद मैहर की मृत्यु की खबर आई थी किसानों द्वारा मजबूरी में घोड़ा रोज़ को रोकने के लिए तारों में करंट छोड़ा जा रहा है एसे तरीकों से कभी इन हादसों में बढ़ोतरी हो सकती है प्रशासन को चाहिए कि विद्युत प्रभाव वाले तारों पर लगाम लगाई जाए एवं घोड़ा रोज़ को पकड़ने के लिए एक ठोस प्रोग्राम बनाया जाए

you can see video news on our you tube channel https://www.youtube.com/@yashasvi.duniya/videos

Leave a Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *