नई दिल्ली। ( 5 दिसंबर )भारत में रेल यात्रा अब और सुरक्षित हो रही है, thanks to हाई-टेक रेल-कम-रोड निरीक्षण वाहन और आधुनिक रेलवे ट्रैक हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम। केंद्रीय रेल मंत्री ने इन तकनीकों के उपयोग और उनके प्रभाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई तकनीक के कारण न केवल रेलवे ट्रैक की देखरेख और रखरखाव में सुधार हुआ है, बल्कि ट्रैकमैन का जीवन भी बेहतर हो रहा है।
रेलवे में नई तकनीक का उपयोग
रेल मंत्री ने कहा, “नई तकनीक से रेलवे की कार्यशैली में बड़ा बदलाव आया है। हाई-टेक निरीक्षण वाहन और हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम के उपयोग से रेलवे ट्रैक की स्थिति की सटीक निगरानी हो रही है, जिससे संभावित खतरों को समय रहते रोका जा सकता है।”
ट्रैकमैन का जीवन हो रहा बेहतर
रेल मंत्री ने ट्रैकमैन की सुरक्षा और कार्य शर्तों में हो रहे सुधार का भी उल्लेख किया। “नई तकनीक के कारण ट्रैकमैन की मेहनत कम हो रही है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है। इससे उनका जीवन बेहतर हो रहा है,” उन्होंने कहा।
अगले पांच वर्षों का लक्ष्य
रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में देश के सभी रेल ज़ोन में इस नई प्रणाली को लागू किया जाए। इससे पूरे भारत में रेलवे ट्रैक की निगरानी और रखरखाव के स्तर में व्यापक सुधार होगा।
रखरखाव की अवधि में बदलाव
अब तक रेलवे हर चार महीने में ट्रैक का रखरखाव करता था, लेकिन नई प्रणाली के तहत इस अवधि को घटाकर दो महीने करने की योजना है। “हम अधिक बार निरीक्षण और रखरखाव के द्वारा रेलवे को और सुरक्षित बना रहे हैं,” रेल मंत्री ने कहा। भारतीय रेलवे में तकनीकी नवाचार से न केवल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ रही है, बल्कि ट्रैकमैन का जीवन भी सरल और सुरक्षित हो रहा है। अगले कुछ वर्षों में इन तकनीकों के व्यापक उपयोग से रेलवे यात्राओं को अधिक सुविधाजनक और भरोसेमंद बनाया जाएगा।