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September 19, 2025 7:17 pm

मंदसौर हत्या प्रयास: पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित दो गिरफ्तार, शहर में फैली सनसनी

मंदसौर।(kailash vishwakarma)
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में मंदसौर हत्या प्रयास का मामला शहर की शांति को झकझोर देने वाला साबित हुआ। नयापुरा क्षेत्र में 4 सितंबर 2025 की रात को पुरानी रंजिश के चलते हुए इस खतरनाक हमले ने जहां एक युवक की जान लेने की कोशिश की, वहीं शहर की कानून-व्यवस्था भी बिगाड़ने की आशंका पैदा कर दी। पुलिस की सतर्कता और तेज कार्रवाई के चलते इस मामले के मुख्य आरोपी सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिससे पूरे शहर में राहत की सांस ली गई है।

मंदसौर हत्या प्रयास

वारदात कैसे हुई?

मामला 4 सितंबर की रात करीब 10:30 बजे का है। फरियादी जावेद शाह पिता जाकिर शाह (25 वर्ष, निवासी नूर कॉलोनी) अपने दोस्तों शोएब और मुस्तफा के साथ महाराणा प्रताप चौराहे से होकर नयापुरा की ओर जा रहा था। जैसे ही वे आर.के. हॉस्पिटल के पास पहुंचे, अचानक पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने उन पर हमला बोल दिया।

फरियादी की रिपोर्ट के अनुसार, समीर उर्फ पगली पिता रफीक मेवाती ने चाकू से उस पर जानलेवा वार किया। वहीं, अन्य आरोपियों – सोहेल पिता रफीक मेवाती, सेन पिता पप्पू खां, हसनेन, सिद्दीक, रशीद और रफीक सहित कई साथियों ने मिलकर हमला किया और पत्थरबाजी भी शुरू कर दी। यह हमला इतना अचानक और खतरनाक था कि मौके पर अफरातफरी मच गई।

धार्मिक पर्वों के बीच तनाव

हमले की यह घटना ऐसे समय में हुई जब शहर में धार्मिक पर्वों के आयोजन चल रहे थे। हमले और उसके बाद हुई पत्थरबाजी से स्थिति गंभीर हो गई और कानून-व्यवस्था पर संकट के बादल मंडराने लगे। भीड़भाड़ वाले इलाके में हुए इस मंदसौर हत्या प्रयास ने प्रशासन की नींद उड़ा दी।

थाना कोतवाली पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया। इस मामले में अपराध क्रमांक 458/2025 धारा 109, 126(2), 296, 115(2), 351(3), 3(5) बीएनएस 2023 सहित हत्या के प्रयास की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू की गई।

पुलिस की सतर्कता और तलाश

घटना के तुरंत बाद पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मीणा ने मामले को गंभीरता से लिया और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टी.एस. बघेल व नगर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह भास्कर के निर्देशन में विशेष टीम गठित की। थाना कोतवाली और नयापुरा पुलिस ने आरोपियों की तलाश में लगातार दबिशें दीं।

मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया और आरोपियों के छिपने की संभावित जगहों पर निगरानी रखी गई। पुलिस का दबाव इतना बढ़ा कि आरोपी भागने का रास्ता तलाशने लगे। आखिरकार मुखबिर की पुख्ता सूचना पर पुलिस ने 6 सितंबर की रात को घेराबंदी कर मुख्य आरोपी और एक अन्य आरोपी को पकड़ लिया।

गिरफ्तार हुए आरोपी

गिरफ्तार आरोपियों में सबसे अहम नाम सोहेल उर्फ शोएब पिता अब्बू खां (25 वर्ष, निवासी नयापुरा) का है, जो हमले में सक्रिय रूप से शामिल था। इसके साथ ही एक अन्य आरोपी को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने इन दोनों को माननीय न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड प्राप्त कर लिया है, ताकि घटना से जुड़े अन्य पहलुओं और आरोपियों का पर्दाफाश किया जा सके।

शहर में चर्चा का विषय बना मामला

मंदसौर हत्या प्रयास की यह घटना पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई है। नयापुरा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में हुई इस वारदात ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिरकार किस तरह शहर के बीचोंबीच दबंग और असामाजिक तत्व खुलेआम हमला कर सकते हैं। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी ने नागरिकों को कुछ हद तक भरोसा दिलाया है कि कानून का राज कायम है।

पुलिस की सख्त कार्यवाही का संदेश

इस मामले में पुलिस ने जिस तेजी से काम किया, उससे अपराधियों को साफ संदेश गया है कि मंदसौर में किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मीणा ने स्पष्ट किया है कि मंदसौर हत्या प्रयास जैसे गंभीर मामलों में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा और पूरी ताकत से कार्रवाई की जाएगी।

आगे की जांच

पुलिस अब अन्य फरार आरोपियों की तलाश कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि इस पूरी घटना की जड़ में पुरानी आपसी रंजिश और आपराधिक मनोवृत्ति शामिल है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस हमले के पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ है या यह केवल व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम था।

जनता से अपील

प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि शहर में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।


निष्कर्ष

मंदसौर हत्या प्रयास का यह मामला न केवल एक सनसनीखेज आपराधिक घटना है बल्कि यह पुलिस की मुस्तैदी और सक्रियता का भी उदाहरण है। जिस तरह से मुख्य आरोपी सहित दो आरोपियों को घटना के महज दो दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया, उसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर विश्वास को और मजबूत किया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आगे की जांच में क्या नए खुलासे होते हैं और बाकी फरार आरोपियों को कब तक पकड़ लिया जाएगा।

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