मंदसौर ईडी छापा – सुबह 5 बजे से 10 बजे तक चला ऑपरेशन
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में बुधवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व जिला आबकारी अधिकारी बद्री लाल डांगी के यश नगर स्थित घर पर छापा मारा। ईडी की कार्रवाई सुबह करीब 5 बजे शुरू हुई और 10 बजे तक यानी पूरे 5 घंटे तक चली। इस दौरान अधिकारी लगातार घर के कमरों की जांच करते रहे। खास बात यह रही कि जब ईडी की टीम पहुंची तब घर पर कोई मौजूद नहीं था।

सूत्रों के मुताबिक, छापे की यह कार्रवाई बद्री लाल डांगी पर लगे भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं के मामलों से जुड़ी हो सकती है। हालांकि, ईडी अधिकारियों ने अभी तक बरामदगी या जब्ती को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

बद्री लाल डांगी का विवादित कार्यकाल और रिश्वत का वायरल वीडियो
बद्री लाल डांगी का नाम मंदसौर में उनके कार्यकाल के दौरान कई बार विवादों में आया।
- उन पर पिपलिया मंडी शराब दुकान से 10 लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगा था।
- इस पूरे प्रकरण का वीडियो भी वायरल हुआ, जिसने प्रदेशभर में हलचल मचा दी थी।
- शराब माफिया से साठगांठ और शहर में प्रतिबंध के बावजूद शराब की खुलेआम बिक्री ने उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।
यही नहीं, स्थानीय स्तर पर कई बार यह चर्चा भी उठी कि आबकारी विभाग में पद रहते हुए उन्होंने अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए शराब कारोबारियों से करीबी संबंध बनाए।
दतिया ट्रांसफर के सिर्फ 9 दिन बाद ईडी का छापा
22 अगस्त को शासन ने बद्री लाल डांगी का ट्रांसफर मंदसौर से दतिया कर दिया था। सोमवार को उन्होंने दतिया जिला आबकारी अधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण किया। लेकिन, महज 9 दिन बाद ही उनके मंदसौर स्थित यश नगर के घर पर ईडी की कार्रवाई ने सबको चौंका दिया।
स्थानीय राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बद्री लाल डांगी के खिलाफ पहले से ही शिकायतें और जांच प्रक्रियाएं चल रही थीं, जिसके बाद ईडी की यह कार्रवाई होना तय माना जा रहा था।
ईडी की कार्रवाई: इंदौर और भोपाल से आई संयुक्त टीम
मंदसौर ईडी छापा अचानक नहीं था। बताया जा रहा है कि ईडी की दो टीमें – एक इंदौर और दूसरी भोपाल से मंदसौर पहुंचीं।
- टीम ने सुबह-सुबह घर को घेरकर अंदर प्रवेश किया।
- लगातार पांच घंटे तक दस्तावेज़ और संदिग्ध कागजात खंगाले गए।
- घर की तलाशी के दौरान टीम बेहद सख्ती से पेश आई और बाहर किसी को अंदर आने नहीं दिया।
मंदसौर में शराब कारोबार और भ्रष्टाचार की गूंज
मंदसौर शहर में पिछले कई सालों से शराब कारोबार और अवैध बिक्री को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
- शहर में बार-बार यह शिकायतें आती रहीं कि प्रतिबंधों के बावजूद शराब दुकानों से धड़ल्ले से बिक्री हो रही थी।
- स्थानीय निवासियों का आरोप है कि आबकारी विभाग की शह पर शराब माफिया फलते-फूलते रहे।
- इस पूरे खेल में अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार की बातें भी सामने आईं।
बद्री लाल डांगी के कार्यकाल में ये चर्चाएं और भी तेज हो गईं, जिसके कारण वह लगातार विवादों में बने रहे।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
ईडी की इस कार्रवाई के बाद मंदसौर और दतिया दोनों जिलों में सियासी हलचल तेज हो गई है।
- विपक्षी दल इसे सरकार की आंख मूंदकर भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने की नीति बता रहे हैं।
- वहीं, सत्ता पक्ष के नेताओं का कहना है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी तरह सख्त है और कोई भी आरोपी बच नहीं पाएगा।
- आम जनता के बीच यह चर्चा है कि यदि ईडी ने कार्रवाई शुरू की है तो आने वाले दिनों में बड़े खुलासे और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
कानूनी पहलू और आगे की संभावना
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) आमतौर पर उन मामलों में कार्रवाई करता है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अनियमितताओं से जुड़े होते हैं।
- बद्री लाल डांगी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोप और शराब कारोबार से कथित साठगांठ इन धाराओं में आ सकते हैं।
- यदि ईडी को ठोस सबूत मिलते हैं तो डांगी पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज हो सकता है।
- आगे चलकर उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा जा सकता है और गिरफ्तारी की संभावना भी बनी हुई है।
मंदसौर ईडी छापा – जनता की नजर में
स्थानीय लोग इस छापे को एक बड़ी कार्रवाई मान रहे हैं। उनका कहना है कि मंदसौर जैसे संवेदनशील जिले में जहां पहले से ही अवैध अफीम और शराब कारोबार की खबरें आती रही हैं, वहां आबकारी अधिकारी पर कार्रवाई होना बताता है कि मामला गंभीर है।
कई लोग सोशल मीडिया पर इसे लेकर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं –
- “अगर ईडी सही तरीके से जांच करे तो कई और बड़े नाम सामने आएंगे।”
- “शराब माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से मंदसौर बदनाम हुआ है।”
- “यह सिर्फ शुरुआत है, आने वाले दिनों में और खुलासे होंगे।”
