486.6 मेगावॉट पवन ऊर्जा उत्पादन और 402 मेगावॉट सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से देश में बनाई अलग पहचान
,17 दिसंबर: मंदसौर जिले ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के चलते देश के नक्शे पर एक अलग पहचान बनाई है। सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के संयंत्रों के सफलतापूर्वक संचालन से जिले ने विद्युत उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित किया है।
सौर ऊर्जा का योगदान
सुवासरा तहसील के ग्राम रूनीजा और गुजरखेड़ी में 569 हेक्टेयर क्षेत्रफल में एनटीपीसी द्वारा 250 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की गई है। इसके अलावा, सीतामऊ और सुवासरा तहसीलों में निजी निवेशकों द्वारा छोटी पतलासी, लदूना, नाटाराम, दम्माखेड़ी, सेमली कांकड़, धाराखेड़ी और कोचरीयाखेड़ी में 152 मेगावॉट क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित किए गए हैं। इस प्रकार जिले में कुल 402 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं।
पवन ऊर्जा में नया कीर्तिमान
जिले में 486.6 मेगावॉट क्षमता के विंड टरबाइन स्थापित कर पवन ऊर्जा से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है, जो जिले की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
सोलर रूफटॉप योजना
जिले के विभिन्न सरकारी संस्थानों में कुल 696 किलोवॉट क्षमता के सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
किसानों के लिए सोलर पंप योजना
कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देते हुए जिले में कुल 383 सोलर पंप स्थापित किए गए हैं, जिससे किसान सिंचाई के लिए स्वच्छ और निःशुल्क ऊर्जा का लाभ उठा रहे हैं।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत जिले में 2.13 मेगावॉट क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित किए गए हैं। इस योजना के माध्यम से किसान नियमित रूप से विद्युत विक्रय कर आय अर्जित कर रहे हैं।
ऊर्जा साक्षरता अभियान
ऊर्जा साक्षरता अभियान के अंतर्गत जिले के 28,735 लोगों ने वेब पोर्टल/ऊषा ऐप पर पंजीयन कराया है। इनमें से 16,504 लोगों ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा कर ऊर्जा बचत के प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं।
ऊर्जा दक्ष ग्राम योजना
ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सुवासरा तहसील के 11 चयनित ग्रामों में ग्रामीण परिवारों को 19,922 एलईडी बल्ब और 9,650 एलईडी ट्यूबलाइट 100 प्रतिशत छूट दर पर वितरित की गई हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की बचत हो रही है।
सोलर रूफटॉप रेस्को योजना
शासकीय भवनों पर शून्य निवेश पर सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना की प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलन में है।
मंदसौर जिले के ये प्रयास न केवल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि ऊर्जा संरक्षण और ग्रामीण विकास की दिशा में भी एक मिसाल पेश कर रहे हैं। जिले का यह योगदान भारत को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर कर रहा है।