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September 19, 2025 8:53 pm

चंद्र ग्रहण 2025: आज रात 9:58 बजे से दिखेगा साल का आखिरी ब्लड मून, जानें समय, सूतक और जरूरी सावधानियां

नई दिल्ली। आज यानी 07–08 सितंबर 2025 की रात को भारत सहित पूरी दुनिया के कई हिस्सों में चंद्र ग्रहण 2025 दिखाई देगा। यह साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है, जिसे खगोल विज्ञान की भाषा में टोटल लूनर एक्लिप्स कहा जाता है। इस दौरान चांद पूरी तरह से धरती की छाया में आ जाएगा और लाल रंग का नजर आएगा। इसी कारण इसे ब्लड मून भी कहा जाता है।

चंद्र ग्रहण 2025

चंद्र ग्रहण का यह नजारा भारत के लगभग सभी हिस्सों से देखा जा सकेगा। धार्मिक दृष्टि से भी इसका बड़ा महत्व है। आइए विस्तार से जानते हैं कि चंद्र ग्रहण 2025 कब लगेगा, कितने बजे तक चलेगा, सूतक काल कब से कब तक रहेगा और इस दौरान क्या करें और क्या न करें।


⏰ चंद्र ग्रहण 2025 का समय

  • पेनुम्ब्रल चरण की शुरुआत: शाम 8:58 बजे
  • ग्रहण की वास्तविक शुरुआत (उम्ब्रा): रात 9:58 बजे
  • पूर्ण चंद्र ग्रहण (ब्लड मून का समय): रात 11:00 बजे से 12:22 बजे तक
  • ग्रहण का समापन: 08 सितंबर को रात 1:26 बजे
  • कुल अवधि: लगभग 3 घंटे 28 मिनट
  • पूर्ण चंद्र ग्रहण की अवधि: करीब 82 मिनट

इस दौरान चांद धीरे-धीरे धरती की छाया में समा जाएगा और लालिमा लिए आसमान में चमकेगा।


चंद्र ग्रहण 2025

🌓 चंद्र ग्रहण 2025 विज्ञान की नजर से

चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। इस स्थिति में सूर्य की रोशनी सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती और पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है।

  • ब्लड मून का लाल रंग धरती के वातावरण में सूर्य की रोशनी के बिखरने की वजह से दिखता है। नीली रोशनी बिखर जाती है, जबकि लाल रंग की किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं।
  • इस बार का चंद्र ग्रहण और भी खास है क्योंकि यह चंद्रमा पेरिजी यानी पृथ्वी के सबसे नजदीक बिंदु पर होगा। इसलिए चांद थोड़ा बड़ा और ज्यादा लाल दिखाई देगा।
  • खगोलविदों के मुताबिक, यह ग्रहण दुनिया की लगभग 85% आबादी देख पाएगी। एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में इसका सुंदर नजारा दिखाई देगा।

🕉 धार्मिक मान्यताएं और सूतक काल

हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का खास महत्व है। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा और राहु-केतु का प्रभाव बढ़ जाता है।

  • सूतक काल: चंद्र ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। यानी आज दोपहर 12:57 बजे से सूतक लग चुका है, जो 08 सितंबर रात 1:26 बजे तक चलेगा।
  • सूतक काल में पूजा-पाठ, खाना-पीना और मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।
  • मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और पूजा स्थगित कर दी जाती है।
  • इस समय केवल मंत्र जाप, ध्यान और दान करना शुभ माना जाता है।

✅ चंद्र ग्रहण 2025 में क्या करें

  1. ग्रहण के दौरान शांत मन से भगवान का नाम जपें।
  2. “ॐ चन्द्रदेवाय नमः” या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  3. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर घर और मंदिर की शुद्धि करें।
  4. गंगाजल का छिड़काव करें और पूजा-पाठ करें।
  5. जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।

❌ चंद्र ग्रहण 2025 में क्या न करें

  1. ग्रहण के समय खाना पकाना या खाना न खाएं।
  2. कोई नया काम, शुभ कार्य या मांगलिक कार्य न करें।
  3. गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।
  4. नुकीली वस्तुओं का प्रयोग न करें।
  5. इस दौरान सोने या आलस्य से बचें।

🌌 मानवीय अनुभव

आज की रात जब आसमान में चांद लाल रंग का हो जाएगा, तो यह नजारा हर किसी को आकर्षित करेगा। बच्चे उत्साह से आसमान देखेंगे, युवा कैमरे और मोबाइल से इसे कैद करेंगे, वहीं बुजुर्ग इसे धार्मिक दृष्टि से खास मानेंगे।

गांव-कस्बों से लेकर शहरों तक लोग छतों पर और खुले मैदानों में इकट्ठे होंगे। हर कोई अपनी तरह से इस खगोलीय घटना को महसूस करेगा—किसी के लिए यह आस्था का प्रतीक होगा, तो किसी के लिए प्रकृति का अद्भुत चमत्कार।


🪔 राशि अनुसार उपाय

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का असर अलग-अलग राशियों पर भी पड़ता है।

  • मेष: हनुमान जी की उपासना करें, सुंदरकांड का पाठ करें।
  • वृषभ: शिव पूजा करें और सफेद वस्त्र या चावल का दान करें।
  • मिथुन: स्नान के बाद “ॐ नमो नारायणाय” का जाप करें।
  • कर्क: सफेद वस्तुओं का दान करें।
  • सिंह: गेहूं, गुड़ और लाल वस्त्र का दान करें।
  • कन्या: मां दुर्गा की पूजा करें और मूंग दाल का दान करें।
  • तुला: देवी लक्ष्मी की पूजा करें और चावल दान करें।
  • वृश्चिक: हनुमान चालीसा का पाठ करें और लाल वस्त्र दान करें।
  • धनु: हनुमान जी की पूजा करें और बूंदी का भोग लगाएं।
  • मकर: शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं और काले तिल का दान करें।
  • कुंभ: महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और काली वस्तुओं का दान करें।
  • मीन: विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और दूध से बनी वस्तुएं दान करें।

🌟 निष्कर्ष

चंद्र ग्रहण 2025 सिर्फ एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि यह विज्ञान और परंपरा का संगम है। वैज्ञानिक इसे ब्लड मून के रूप में देखते हैं, वहीं धार्मिक मान्यताओं में इसे आस्था और सावधानी का समय माना जाता है।

आज रात का यह अद्भुत नजारा लोगों को प्रकृति की सुंदरता और ब्रह्मांड की अनोखी शक्ति का एहसास कराएगा। यह पल न सिर्फ हमारी आंखों के लिए यादगार होगा, बल्कि हमारी आस्था और विज्ञान—दोनों के बीच एक सेतु का काम करेगा।

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