मंदसौर जिले के सीतामऊ में पुलिस और वकीलों के बीच तनाव बढ़ गया है। पुलिस आरक्षक अमित व्यास द्वारा अधिवक्ता श्याम दास बैरागी के साथ कथित रूप से फोन पर अभद्र व्यवहार किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। वकीलों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए थाना प्रभारी को पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा और आरोपी आरक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
घटना का विवरण
यह मामला 23 नवंबर का है, जब अधिवक्ता श्याम दास बैरागी के एक पक्षकार पर आरक्षक अमित व्यास ने किसी अन्य वकील को नियुक्त करने का दबाव बनाया। जब इस मामले में श्याम दास बैरागी ने आरक्षक से बातचीत की, तो आरक्षक ने उनके साथ कथित तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इस घटना से नाराज वकीलों ने पहले ही शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आरोपी आरक्षक के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा।
अभिभाषक संघ की मांग
अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्याम नारायण जोशी ने आरोप लगाया कि सीतामऊ थाने में कुछ पुलिसकर्मी पक्षकारों को दबाव में लेकर विशेष वकीलों की ओर भेजते हैं, जो कि एक गंभीर और अनुचित कृत्य है। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार न केवल अनुचित है, बल्कि वकीलों की स्वतंत्रता और पेशेवर गरिमा पर हमला है।
संघ ने आरोपी आरक्षक अमित व्यास को तत्काल निलंबित कर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो संघ आंदोलन करने के लिए विवश होगा।
वकीलों की नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन
गुरुवार को वकीलों ने थाने के बाहर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और थाना प्रभारी मोहन मालवीय को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान वकीलों ने पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश देने की मांग की कि वे पक्षकारों को किसी विशेष वकील के पास भेजने का दबाव न डालें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया
थाना प्रभारी ने वकीलों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हालांकि, इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया पुलिस अधीक्षक की ओर से नहीं आई है।
अगले कदम
अभिभाषक संघ ने साफ कर दिया है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। इस घटना ने सीतामऊ में पुलिस और वकीलों के बीच गहरे तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। अब सबकी नजर पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर है।