कोटा। मानसून के दौरान संभावित प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए कोटा रेल मंडल ने ट्रेन संचालन की संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए व्यापक तैयारियाँ की हैं। डीआरएम श्री अनिल कालरा के निर्देशन में रेलवे अधिकारियों ने मानसून के मद्देनज़र न केवल सतर्कता बढ़ाई है, बल्कि तकनीकी और ज़मीनी स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

रेलवे की संरक्षा प्राथमिकता
डीआरएम श्री कालरा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मानसून के दौरान ट्रेन संचालन में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तेज बारिश, तूफान और बाढ़ जैसे मौसमीय खतरे हमेशा मौजूद रहते हैं, ऐसे में रेलवे को हर परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए।

संवेदनशील स्थानों पर तैनात निगरानी दल
रेलवे के संवेदनशील रेलखंडों पर अनुभाग इंजीनियरों द्वारा गहन समीक्षा और निरीक्षण किया गया है। इन स्थानों पर पेट्रोलमैन, चौकीदार और एयर ब्रिज गार्ड की नियुक्ति की गई है जो लगातार निगरानी कर रहे हैं। मानसून पेट्रोलिंग के माध्यम से पटरियों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

विद्युतीकृत क्षेत्रों का संयुक्त निरीक्षण
ओवरहेड उपकरणों (OHE) और ट्रैक को बाधित करने वाले पेड़ों की शाखाओं की पहचान कर उनकी छंटाई की गई है। इससे सिग्नलिंग सिस्टम और विद्युत आपूर्ति को सुरक्षित बनाए रखा जा सकेगा। रेल प्रशासन ने इस कार्य में विशेष सतर्कता बरती है ताकि मानसून के दौरान पेड़ गिरने की घटनाओं से रेल यातायात प्रभावित न हो।
पुलों पर जलस्तर की निगरानी के लिए हाई-टेक सिस्टम
मंडल के संवेदनशील पुलों पर रीयल टाइम जल स्तर मापन यंत्र लगाए गए हैं, जिससे किसी भी अचानक बढ़े जल स्तर की जानकारी तुरंत मिल सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
आपदा प्रबंधन में समन्वय
रेलवे ने स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के साथ समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। मौसम संबंधी चेतावनियों के दौरान त्वरित रिस्पॉन्स सुनिश्चित करने के लिए रेलवे कंट्रोल रूम भी पूरी तरह सक्रिय रखा गया है।

