मंदसौर/शामगढ़ | 27 अक्टूबर 2025 (kailash vishwakarma)
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ अंधविश्वास ने एक मासूम की जान ले ली। शामगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम तीन टापरी में एक कलयुगी नाना दुर्गालाल बंजारा ने अपनी 6 माह की नातिन का इलाज कराने के बजाय तांत्रिक क्रिया कर उसे मौत के मुंह में धकेल दिया।

🔥 अंधविश्वास ने ली मासूम की जान
जानकारी के अनुसार, आरोपी दुर्गालाल बंजारा (70 वर्ष) निवासी ग्राम तीन टापरी ने अपनी बीमार नातिन प्रियंका बंजारा (6 माह) को अस्पताल ले जाने की बजाय उस पर तांत्रिक उपचार शुरू कर दिया। इस दौरान आरोपी ने ‘डाम’ (लोहे की सुई या वस्तु को गरम कर शरीर पर दागना) जैसी क्रूर प्रक्रिया अपनाई।
बच्ची के शरीर पर गंभीर जलन और संक्रमण (इन्फेक्शन) होने से उसकी हालत बिगड़ती गई और अंततः उसने दम तोड़ दिया।

🧾 घटना का खुलासा ऐसे हुआ
मृतका के पिता बबलू बगाड़ा निवासी ग्राम ढाबला माधोसिंह ने शामगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी पत्नी रिंकुबाई अपने मायके तीन टापरी में रह रही थी। वहाँ से सूचना मिली कि उनकी बेटी प्रियंका की मृत्यु हो गई है।
सूचना के बाद पुलिस ने मर्ग क्रमांक 74/25 धारा 194 बीएनएसएस दर्ज कर जांच शुरू की।
🚓 पुलिस जांच में उजागर हुआ अंधविश्वास का जाल
पुलिस जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि बच्ची बीमार थी, लेकिन इलाज के बजाय नाना दुर्गालाल ने ‘डाम’ देकर इलाज करने का नाटक किया। इसी के चलते बच्ची के शरीर पर गंभीर घाव और संक्रमण हुआ, जिससे उसकी मौत हो गई।
जांच अधिकारी उनि रविन्द्र प्रताप डांगी के नेतृत्व में टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 404/25, धारा 105 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया, जहाँ से आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
👮♀️ पुलिस की सराहनीय भूमिका
इस जघन्य अपराध का खुलासा करने और आरोपी को गिरफ्तार करने में थाना प्रभारी शामगढ़ मनोज कुमार महाजन, उनि रविन्द्र प्रताप डांगी, प्रआर देवेंद्र सिंह चौहान, एवं आर. मोकम सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार मीना (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमति हेमलता कूरील, तथा SDOP सीतामऊ श्री दिनेश प्रजापति के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई।
⚖️ अंधविश्वास बना मौत का कारण
यह घटना समाज के लिए एक करारा सबक है कि आज के आधुनिक युग में भी अंधविश्वास किस तरह निर्दोष जिंदगियों को निगल रहा है। जब विज्ञान और चिकित्सा के युग में ‘झाड़फूंक’ और ‘डाम’ जैसी क्रूर प्रथाएं अपनाई जाती हैं, तब उसका परिणाम केवल विनाश ही होता है।
6 माह की मासूम प्रियंका की दर्दनाक मौत ने समाज को झकझोर दिया है। सवाल यह है कि कब तक अंधविश्वास के नाम पर मासूम जानें यूँ ही जाती रहेंगी? इस हृदयविदारक घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय बल्कि पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। ग्रामीणों के अनुसार, आरोपी दुर्गालाल बंजारा अपने क्षेत्र में तांत्रिक के रूप में जाना जाता था और लोग अक्सर छोटी-मोटी बीमारियों या परेशानियों के समाधान के लिए उसके पास जाते थे। यह अंधविश्वास और अज्ञानता का परिणाम है कि जब परिवार की मासूम बच्ची बीमार हुई, तो इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के बजाय उसे उसी के हवाले कर दिया गया। बताया जा रहा है कि आरोपी ने कई बार बच्ची को तांत्रिक विधि से ठीक करने की कोशिश की, लेकिन जब हालत बिगड़ती गई तो उसने शरीर पर गरम सुई से डाम दिए। इससे संक्रमण फैल गया और बच्ची ने दम तोड़ दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय पर बच्ची को अस्पताल ले जाया जाता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। इस घटना के बाद शामगढ़ क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे अंधविश्वासी तांत्रिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि भविष्य में किसी और मासूम की जान इस तरह के अंधविश्वास की भेंट न चढ़े।