गरोठ। नगर परिषद गरोठ द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण-विरोधी अभियान के दौरान शुक्रवार 14 नवंबर 2025 को मस्जिद चौक (रिसाले) क्षेत्र में अचानक हंगामा खड़ा हो गया। शासकीय भूमि पर वर्षों से बने अवैध निर्माणों को हटाने गई टीम पर स्थानीय लोगों के एक समूह ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके चलते सरकारी जेसीबी मशीन को क्षति पहुँची और नगर परिषद का पूरा अमला दहशत में आ गया। घटना के बाद पुलिस ने कई आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर मामले की जाँच शुरू कर दी है।


अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया के बीच हुआ विवाद
नगर परिषद गरोठ लंबे समय से निकाय सीमा के भीतर स्थित सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने की योजना पर काम कर रही है। इसी कड़ी में परिषद ने मस्जिद चौक (रिसाले) क्षेत्र में बनीं कब्जेदारियों को हटाने के लिए एक विशेष टीम गठित की थी। यह स्थान वर्षों से विवादित रहा है क्योंकि यहाँ लंबे समय से निजी व्यक्तियों द्वारा शासकीय भूमि पर निर्माण किए जाने की शिकायतें मिलती रही हैं।
14 नवंबर की सुबह नगर परिषद का दल जैसों ही जेसीबी मशीन और कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुँचा, तो प्रारंभिक रूप से कार्यवाही सामान्य रूप से शुरू हुई। लेकिन कुछ मिनटों बाद ही कई लोग अचानक वहाँ एकत्रित हो गए और कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया।

सफाई दरोगा ने दी शिकायत, आरोपियों के नाम स्पष्ट
नगर परिषद के सफाई दरोगा सुरेश पिता रतनलाल मालवीय ने थाने में प्रस्तुत लिखित शिकायत में बताया कि अवैध निर्माण हटाने की प्रक्रिया के दौरान एक समूह ने एकमत होकर टीम को घेर लिया और सरकार की कार्रवाई में बाधा डालने का प्रयास किया।
दरोगा के अनुसार, मौके पर पहुंचे आरोपियों में —
- हीना पति अनवर
- इमरान पिता शहजाद
- सद्दाम पिता रफिक
- भुरिया पिता मुन्नाशाह
- अनीस (निराला का जमाई)
- अनवर पिता रफिकस
- भुरिया रमजान
- युनिस पिता रफिक
- गज्जु (शम्मा मैडम)
सहित अन्य लोग शामिल थे।
शिकायत में बताया गया है कि इन सभी ने मिलकर पहले परिषद कर्मचारियों के साथ अश्लील गालियों से अभद्रता की। इसके बाद आरोपियों ने हाथों में पत्थर उठाकर जेसीबी का रास्ता रोक दिया और मशीन पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान मशीन का कांच फूट गया और वाहन को अन्य क्षति भी पहुँची। कर्मचारियों में दहशत का वातावरण बना, जिससे कार्रवाई कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी।
सरकारी कार्य में बाधा का गंभीर मामला
जेसीबी पर पथराव और सरकारी कार्य में बाधा डालना एक गंभीर अपराध है। नगर परिषद की ओर से इस घटना को अत्यंत संवेदनशील बताते हुए कहा गया है कि अवैध कब्जों को हटाना निकाय का वैधानिक अधिकार है। यह कार्यवाही जनता के हित में और स्वच्छता तथा सार्वजनिक उपयोग की भूमि को मुक्त कराने के उद्देश्य से की जा रही थी।
घटना के बाद परिषद अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को अवगत कराया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और शिकायत के आधार पर सभी आरोपियों के नाम दर्ज किए।
इन धाराओं में दर्ज हुआ प्रकरण
पुलिस ने मामले को गंभीर मानते हुए आरोपियों के विरुद्ध निम्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है—
- धारा 296 बीएनएस – शांति भंग करने हेतु किया गया आपराधिक कृत्य
- धारा 126(2) बीएनएस – सरकारी कार्य में बाधा
- धारा 132 बीएनएस – लोकसेवक को क्षति पहुँचाना
- धारा 221 बीएनएस – अवैध दबाव एवं धमकी
- धारा 191(2) बीएनएस – जानबूझकर क्षति पहुँचाने का कृत्य
- लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 – सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाना
इन धाराओं के तहत दोष सिद्ध होने पर कठोर कानूनी दंड का प्रावधान है।
पुलिस ने शुरू की विवेचना, आरोपियों की तलाश जारी
घटना के बाद पुलिस ने क्षेत्र में जांच शुरू की है। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लिए जा रहे हैं। जेसीबी मशीन को हुए नुकसान का पंचनामा तैयार किया गया है। पुलिस के अनुसार, आरोपियों की भूमिका स्पष्ट है और जल्दी ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएँ सरकारी कार्य में बाधा डालने वाली हैं और भविष्य में इस तरह की कोई घटना दोहराई न जाए, इसलिए कठोर कार्रवाई आवश्यक है। पुलिस ने आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज भी कब्जे में ली है जिससे भीड़ में शामिल अन्य लोगों की पहचान में मदद मिलेगी।
नगर परिषद ने कहा — अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा
नगर परिषद गरोठ ने स्पष्ट किया है कि अवैध निर्माण हटाने का अभियान रुकने वाला नहीं है। परिषद का कहना है कि अवैध रूप से कब्जाई गई शासकीय भूमि को मुक्त कराना आवश्यक है ताकि शहर के विकास से जुड़े कार्य समय पर पूरे हो सकें।
परिषद अधिकारियों ने कहा कि कुछ लोग व्यक्तिगत हितों की रक्षा के लिए सरकारी कार्रवाई में बाधा डालते हैं, जो न सिर्फ कानून के खिलाफ है बल्कि समाज के अन्य लोगों के अधिकारों का भी उल्लंघन है।
वार्ड क्षेत्र के कुछ जागरूक नागरिकों ने भी परिषद की कार्रवाई का समर्थन किया है और कहा है कि सरकारी भूमि पर कब्जा हटाने से क्षेत्र की सुंदरता, स्वच्छता और सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार होगा।
स्थानीय स्तर पर तनाव का माहौल, लेकिन स्थिति नियंत्रित
घटना के तुरंत बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई थी। लेकिन पुलिस और परिषद अधिकारियों की तत्परता से माहौल को सामान्य कर लिया गया। फिलहाल क्षेत्र में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने कहा है कि घटना में शामिल सभी आरोपियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई और व्यक्ति भी जांच में शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी प्रकरण जोड़ा जाएगा।
नगर परिषद ने भी स्पष्ट कर दिया है कि अवैध निर्माण हटाने का अभियान और भी सख्ती के साथ आगे बढ़ाया जाएगा और किसी भी प्रकार का दुराग्रह, धमकी या हिंसक विरोध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह पूरी घटना गरोठ शहर के लिए यह संदेश छोड़ती है कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि नगर के विकास में बाधा भी है। सरकारी कार्य में बाधा डालने का प्रयास करने वालों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई किए जाने की तैयारी है।