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October 10, 2025 12:28 pm

चालू लाइन से आइसोलेटर पार्ट्स चोरी: हजारों उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति पर संकट, चोरों ने डाली जान जोखिम में

मंदसौर, 27 जुलाई 2025।(कैलाश विश्वकर्मा )
मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के 132 केवी सबस्टेशन मल्हारगढ़ में बीते दिनों हुई एक हैरान करने वाली घटना ने न केवल बिजली विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि हजारों बिजली उपभोक्ताओं को भी संकट में डाल दिया है। अज्ञात चोरों ने सबस्टेशन के चालू यार्ड से 132 केवी आइसोलेटर के महत्वपूर्ण ब्लेड चोरी कर लिए, जो अत्यधिक तकनीकी और संवेदनशील उपकरण माने जाते हैं।


 132 केवी आइसोलेटर चोरी मंदसौर

🛠 विशेष उपकरण, विशेष संकट

इस घटना को लेकर ट्रांसको के कार्यपालन अभियंता श्री दिनेश शर्मा ने बताया कि चोरी हुआ यह ब्लेड कोई आम पार्ट नहीं है। यह एक विशेष तकनीकी उपकरण का हिस्सा है, जिसे सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही निर्माता कंपनियां बनाती हैं। डिजाइन अलग-अलग होने के कारण इसका स्टॉक सामान्यतः उपलब्ध नहीं होता। इस कारण इसकी पुनः उपलब्धता में लगभग तीन महीने का समय लग सकता है।


🔌 क्षेत्र की बिजली आपूर्ति पर बड़ा खतरा

इस ब्लेड के अभाव में भविष्य में सिंदपन रेलवे ट्रैक्शन, नीमच और मंदसौर क्षेत्र के लिए आकस्मिक परिस्थितियों में वैकल्पिक बिजली आपूर्ति नहीं की जा सकेगी। इसके चलते मल्हारगढ़ तहसील और आसपास के दर्जनों गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित होने की गंभीर आशंका बनी हुई है।

प्रभावित हो सकने वाले प्रमुख क्षेत्र:

  • मल्हारगढ़
  • बुढा
  • अरनिया
  • पिपलिया मंडी
  • पिपलिया विशनियां
  • खेर खेड़ा
  • आंकली
  • कनघट्टी
  • चंदू
  • बरखेड़ा
  • नारायणगढ़
  • जीरन
  • बोरखेड़ी
  • कचनार

⚠️ 132,000 वोल्ट की लाइन में चोरी: जान जोखिम में डालने वाली दुस्साहसिक हरकत

132 केवी लाइन में 132,000 वोल्ट बिजली प्रवाहित होती है, जो सामान्य घरेलू आपूर्ति (230 वोल्ट) से लगभग 600 गुना अधिक है। ऐसे में चोरों द्वारा किसी भी प्रकार का संपर्क या पास जाना भी मृत्यु तुल्य जोखिम पैदा कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, केवल उपकरण को छूना ही नहीं बल्कि उसके पास मौजूद इंडक्शन क्षेत्र में आना भी घातक हो सकता है।


🧠 सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

एक सक्रिय यार्ड से इतनी गंभीर चोरी होना यह दर्शाता है कि सबस्टेशन में सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी हुई है। इस प्रकार की चोरियाँ न केवल उपकरणों का नुकसान कराती हैं, बल्कि पूरी विद्युत प्रणाली को खतरे में डाल सकती हैं। यदि समय रहते इस चोरी का पता नहीं चलता, तो कोई बड़ा तकनीकी फॉल्ट या दुर्घटना भी हो सकती थी।


🧾 क्या कहता है विद्युत विभाग?

ट्रांसमिशन विभाग ने इस चोरी की सूचना स्थानीय पुलिस को दी है और जांच प्रारंभ कर दी गई है। विभागीय स्तर पर जगह-जगह सुरक्षा मानकों की समीक्षा भी की जा रही है। इस घटना ने अन्य सबस्टेशनों की सुरक्षा पर भी पुनः विचार की आवश्यकता उत्पन्न कर दी है।


🚨 पुलिस को मिले सुराग?

अब तक चोरों की पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन माना जा रहा है कि इस कार्य को तकनीकी जानकारी रखने वाले व्यक्तियों द्वारा अंजाम दिया गया होगा, क्योंकि ऐसे उपकरणों को सामान्य चोर नहीं पहचान सकते।


निष्कर्ष

इस चोरी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उच्च वोल्टेज स्थलों की सुरक्षा केवल कैमरों या बाउंड्री से सुनिश्चित नहीं की जा सकती। आवश्यकता है कि तकनीकी और सुरक्षा दोनों पहलुओं पर एक साथ काम किया जाए। साथ ही, आम नागरिकों को भी इस तरह के यार्ड के आसपास सावधानी और जागरूकता बनाए रखने की ज़रूरत है।

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