करूर, तमिलनाडु: तमिलनाडु के करूर जिले में शनिवार शाम को अभिनेता और नेता विजय की रैली में भगदड़ मच गई, जिसमें 31 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 16 महिलाएं, 9 पुरुष और 6 बच्चे शामिल हैं। वहीं, इस हादसे में 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री एम.ए. सुब्रमणियन ने कहा कि घायलों की संख्या बढ़ने की संभावना है और स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर निगरानी रख रहा है।
यह घटना तमिलनाडु में राजनीतिक और सार्वजनिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा प्रबंधन की कमी की चिंता को बढ़ाती है।


भीड़ नियंत्रण का अभाव और रैली का पैमाना
अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वेट्री कजगम (TVK) की रैली के लिए प्रशासन ने 10 हजार लोगों की अनुमति दी थी। लेकिन अनुमान के अनुसार, करीब 1 लाख 20 हजार लोग रैली में एकत्रित हो गए। इस भीड़ के अचानक बढ़ने से भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई।
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि इस विशाल भीड़ में प्रवेश और निकासी के लिए पर्याप्त मार्ग नहीं थे। पहले से ही तैयार सुरक्षा योजना में केवल अपेक्षित संख्या के हिसाब से सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, जिससे बढ़ी हुई भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया।

बच्ची की तलाश के दौरान अफरातफरी
रैली में एक 9 साल की बच्ची गुम हो गई थी। विजय ने मंच से पुलिस और लोगों से उसे खोजने की अपील की। इस अपील के दौरान स्थिति और बिगड़ गई और भीड़ में अफरा-तफरी फैल गई। भीड़ में कई लोग सांस लेने में परेशानी का सामना कर रहे थे और कई लोग बेहोश हो गए।
स्थानीय अस्पतालों के अधिकारियों ने बताया कि घायलों में सांस लेने में कठिनाई और चोटें सबसे आम हैं। कई लोग ऐसे थे जिन्हें तुरंत ऑक्सीजन और प्राथमिक उपचार की आवश्यकता थी।
#WATCH तमिलनाडु: करूर में TVK (तमिलनाडु वेत्री कझगम) प्रमुख और अभिनेता विजय के प्रचार अभियान में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 27, 2025
यहां भगदड़ जैसी स्थिति होने की खबर है। कई लोग बेहोश हो गए और उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया। अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।
(सोर्स: TVK/यूट्यूब) pic.twitter.com/un8k62G2F0
विजय ने भाषण रोककर शांति की अपील की
भीड़ के बढ़ते दबाव और हालात बिगड़ने के बाद विजय ने भाषण रोककर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। इसके बाद वे मंच छोड़कर रैली स्थल से चले गए। उनके इस कदम से थोड़ी राहत मिली, लेकिन भगदड़ की भयावहता लगातार बढ़ती रही।
रैली में मौजूद कई लोग सोशल मीडिया पर भी इस घटना की भयावह तस्वीरें साझा कर रहे हैं, जिनमें भगदड़ के दौरान लोग एक-दूसरे पर गिरते हुए और घायल होते दिखाई दे रहे हैं।
पुलिस का लाठीचार्ज और स्थिति की बिगड़ती गंभीरता
भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हालांकि पुलिस का यह कदम भीड़ को शांत करने में असफल रहा और स्थिति और बिगड़ गई। इस दौरान कई लोग घायल हुए और घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
स्थानीय लोगों ने भी घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। अस्पतालों में आपातकालीन सेवा की घोषणा की गई और स्वास्थ्य मंत्री ने घायलों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
#WATCH करूर भगदड़: तमिलनाडु के पूर्व मंत्री और डीएमके नेता वी सेंथिल बालाजी करूर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचे।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 27, 2025
उन्होंने कहा, "अब तक भगदड़ में 31 लोगों की मौत हो चुकी है और 58 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भगदड़ की घटना के बाद, मुख्यमंत्री ने तुरंत… pic.twitter.com/AGzWZVfkBC
मृतकों और घायलों की स्थिति
पूर्व मंत्री वीएस बालाजी ने बताया कि हादसे में 31 लोगों की मौत हुई, जबकि 58 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों में कई लोगों की हालत नाजुक है और उन्हें तुरंत सर्जरी और इमरजेंसी उपचार की जरूरत है।
घायलों के बीच कुछ बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि घायल लोगों के लिए ऑक्सीजन, आईसीयू और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय नेताओं का बयान
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने स्वास्थ्य मंत्री को मौके पर भेजकर घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सामान्य स्थिति बहाल करने का आदेश दिया।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं जताईं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी करूर रैली हादसे पर शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
करूर भगदड़ |तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने X पर लिखा, "करूर में एक राजनीतिक रैली के दौरान बच्चों सहित निर्दोष लोगों की दुखद मौत से मुझे गहरा दुःख और पीड़ा हुई है। इस दुःख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की… pic.twitter.com/PEoIxbvZyA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 27, 2025
पिछले भगदड़ हादसों की याद
विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले एक साल में बड़े पैमाने पर दो भगदड़ के मामले सामने आ चुके हैं।
- 4 जून 2025: IPL विजेता RCB के जश्न में बेंगलुरु में भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए।
- 4 दिसंबर 2024: हैदराबाद में फिल्म ‘पुष्पा 2’ के प्रीमियर में भीड़ बढ़ने से एक महिला की मौत और बच्चा घायल हुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन घटनाओं से सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए सबक नहीं लिया गया।
विजय की राजनीतिक पृष्ठभूमि
विजय ने 2 फरवरी 2025 को अपनी पार्टी TVK लॉन्च की थी। 22 अगस्त को पार्टी का फ्लैग और सिम्बल जारी किया गया। चुनाव आयोग ने 8 सितंबर 2025 को पार्टी को आधिकारिक मान्यता दी। विजय ने घोषणा की है कि वे राजनीति में आने के बाद पूरी तरह से जनता की सेवा करेंगे।
विजय पहले ही अपने पिता और अन्य लोगों के खिलाफ केस कर चुके हैं क्योंकि उनके नाम का गलत इस्तेमाल करके कुछ लोग उनकी पार्टी से जोड़ने की कोशिश कर रहे थे।
विजय की संपत्ति और निजी जीवन
अभिनेता विजय की कुल संपत्ति 420 करोड़ रुपए बताई जाती है। उनकी वार्षिक कमाई फिल्मों और ब्रांड एंडोर्समेंट से लगभग 120 करोड़ रुपए है। विजय चेन्नई स्थित बीच होम में अपने परिवार के साथ रहते हैं।
उनके कार कलेक्शन में शामिल हैं:
- रोल्स रॉयस घोस्ट (लगभग 2.6 करोड़ रुपए)
- BMW X5 और X6
- ऑडी A8 L
- रेंज रोवर
- फोर्ड मस्टंग
- वॉल्वो XC90
- मर्सडीज बेंज GLA
सोशल मीडिया और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
AIADMK ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। तमिलनाडु विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और AIADMK महासचिव एडप्पादी के. पलनीस्वामी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने प्रशासन पर भीड़ नियंत्रण में चूक का आरोप लगाया।
स्थानीय लोग भी सोशल मीडिया पर रैली और भगदड़ की तस्वीरें साझा कर रहे हैं, जिससे घटना की भयावहता और स्पष्ट हो रही है।
निष्कर्ष
करूर रैली हादसा इस बात का संकेत है कि बड़े जनसमूह वाली रैलियों और आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा का सही इंतजाम न होने से असंख्य जानें खतरे में पड़ सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में सुरक्षा प्रबंधन की योजना को पहले से तैयार करना अनिवार्य है।
इस हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भीड़ का सही नियंत्रण और आपातकालीन उपाय किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में जान-माल की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
