रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर भारी मिसाइल हमले किए, जो इस सप्ताह के शुरू में ब्रायंस्क क्षेत्र में यूक्रेनी हमले के बाद रूस की पहली बड़ी प्रतिक्रिया मानी जा रही है। इस हमले में यूक्रेन ने अमेरिका निर्मित लंबी दूरी की ATACMS मिसाइलों का उपयोग किया था, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के भीतर गहराई तक हमले की अनुमति केवल दो दिन पहले दी थी।
रूस ने महीनों से अमेरिका और नाटो सहयोगियों को पश्चिमी मिसाइलों का उपयोग रूस के अंदर करने की अनुमति देने के खिलाफ चेतावनी दी थी। लेकिन बाइडेन के इस निर्णय ने रूस की ओर से नए चेतावनी भरे बयान दिए हैं कि यह कदम वैश्विक युद्ध को भड़काने का जोखिम बढ़ा सकता है।
डनीप्रो पर सबसे बड़ा हमला
रूसी मिसाइलों ने गुरुवार रात यूक्रेन के कई शहरों को निशाना बनाया, जिसमें सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र डनीप्रो रहा। यूक्रेनी वायु सेना ने दावा किया कि रूस ने इस हमले में पहली बार एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का उपयोग किया, हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने इसे खारिज करते हुए कहा कि यह एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल थी।
पश्चिमी सूत्रों के अनुसार, यह मिसाइल रूस के वोल्गोग्राड क्षेत्र से लॉन्च की गई थी और लगभग 500 मील की दूरी तय कर डनीप्रो को निशाना बनाया। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि डनीप्रो पर हुए हमले में इस्तेमाल की गई मिसाइल की विशेषताएं ICBM जैसी हैं, हालांकि इसकी जांच अभी जारी है।
अमेरिका और रूस के बीच बढ़ता तनाव
अमेरिका ने कीव में अपने दूतावास को बंद कर दिया और एक बड़े हवाई हमले की आशंका जताई। अमेरिका और उसके सहयोगियों का तर्क है कि युद्ध को बढ़ाने का जिम्मेदार रूस है, जिसने हाल के हफ्तों में अपने बलों को मजबूत करने के लिए 10,000 से अधिक उत्तर कोरियाई सैनिकों को तैनात किया है।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने अब एक नए चरण में प्रवेश कर लिया है, जिसमें अमेरिका द्वारा दी गई नई सैन्य क्षमताओं का उपयोग दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा रहा है। इस संघर्ष का असर वैश्विक सुरक्षा पर भी पड़ने की आशंका है।