शामगढ़ (कुरावन से श्याम राठोर की खबर ) मध्यप्रदेश के आज़ाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ ने शामगढ़ तहसीलदार को मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपते हुए ई-अटेंडेंस प्रणाली को अव्यवहारिक बताते हुए तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है। ज्ञापन में अतिथि शिक्षकों की 8 प्रमुख समस्याओं को विस्तार से रखते हुए चेतावनी दी गई है कि यदि 5 दिन के भीतर आदेश वापसी नहीं होती, तो राज्यभर के अतिथि शिक्षक भोपाल की सड़कों पर आंदोलन के लिए उतरने को मजबूर होंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।


🔴 अतिथि शिक्षकों की प्रमुख समस्याएं और मांगें:
- स्मार्टफोन की अनुपलब्धता:
प्रदेश के 80% ग्रामीण अतिथि शिक्षकों के पास स्मार्टफोन नहीं है, जिससे ई-अटेंडेंस दर्ज करना संभव नहीं। शिक्षकों को ₹20,000 की आर्थिक सहायता प्रदान कर मोबाइल उपलब्ध कराया जाए। - नेटवर्क समस्या:
दूरस्थ और ग्रामीण अंचलों में नेटवर्क की कमी के चलते समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं हो पा रही। अतः इन क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक उपस्थिति व्यवस्था लागू की जाए। - तकनीकी प्रक्रिया का दुष्प्रभाव:
बार-बार लोकेशन व फोटो अपलोड जैसी तकनीकी प्रक्रियाओं से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है और शिक्षकों पर मानसिक दबाव भी बढ़ रहा है। - महिला शिक्षकों के लिए सुविधाएं:
महिला अतिथि शिक्षकों को गर्भावस्था, प्रसव और स्वास्थ्य संबंधी कारणों से विशेष अवकाश की सुविधा मिले। - मानविक दृष्टिकोण से उपस्थिति:
नेटवर्क गड़बड़ी या तकनीकी कारणों से उपस्थिति न दर्ज हो पाने की स्थिति में मानवता के आधार पर उपस्थिति स्वीकार की जाए। - शासन समान सुविधाएं:
अतिथि शिक्षकों को अन्य शासकीय सेवाओं के समान लाभ व सुरक्षा प्रदान की जाए। - नियुक्तियों में वरिष्ठता को प्राथमिकता:
लंबे समय से कार्यरत अनुभवी शिक्षकों को स्थायी नियुक्तियों में प्राथमिकता दी जाए। - परामर्श के बाद हो नीति निर्माण:
संघ ने स्पष्ट किया कि बिना शिक्षकों से परामर्श के कोई नई प्रणाली न लागू की जाए।

⚠️ आंदोलन की चेतावनी:
संघ ने ज्ञापन में लिखा है—
“यदि पांच दिवस के भीतर ई-अटेंडेंस संबंधी आदेश वापस नहीं लिया गया, तो हम संपूर्ण मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षक भोपाल की सड़कों पर उतरेंगे।“
💬 संघ का बयान:
संघ का कहना है कि अतिथि शिक्षक वर्षों से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं, लेकिन अब तकनीकी दबाव और प्रशासनिक उपेक्षा से उनका मनोबल टूट रहा है। ई-अटेंडेंस प्रणाली शिक्षकों के शोषण का माध्यम बन गई है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
✅ निष्कर्ष:
मध्यप्रदेश में ई-अटेंडेंस को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है, और यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं किया, तो यह मामला बड़े शिक्षक आंदोलन का रूप ले सकता है। आने वाले कुछ दिन प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।


