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October 10, 2025 10:00 am

गरोठ पुलिस ने अवैध मछली परिवहन करते युवक को पकड़ा, प्रजनन काल में आखेट पर प्रतिबंध के बावजूद कर रहा था तस्करी

📍 गरोठ (मंदसौर), 8 अगस्त 2025 (kailash vishwakarma)गरोठ पुलिस ने गुरुवार रात्रि साढ़े नौ बजे साटखेड़ा रोड स्थित कचालिया फंटे पर अवैध मछली परिवहन करते एक युवक को रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपी की पहचान नागेश पिता राजू कहार निवासी रायपुरिया के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी के पास से ऑल्टो कार (क्रमांक MP14CC 8501) में रखी करीब 30 किलोग्राम अवैध मछली जब्त की है।

इस कार्रवाई के संबंध में थाना प्रभारी गरोठ ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में मछलियों का प्रजनन काल चल रहा है, और मंदसौर जिला कलेक्टर द्वारा 15 अगस्त 2025 तक मत्स्य आखेट पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। बावजूद इसके, आरोपी नागेश कहार द्वारा यह गैरकानूनी गतिविधि की जा रही थी, जो कि मध्यप्रदेश मत्स्य नियम अधिनियम (Fish Act) तथा भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।

गरोठ पुलिस ने अवैध मछली परिवहन करते युवक को पकड़ा, प्रजनन काल में आखेट पर प्रतिबंध के बावजूद कर रहा था तस्करी

पुलिस ने मामले में तत्काल प्रकरण दर्ज करते हुए आरोपी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है। जब्त की गई अवैध मछलियों को उचित प्रक्रिया के तहत नष्ट किया जाएगा। साथ ही आरोपी के आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है।

गरोठ पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई की स्थानीय नागरिकों ने सराहना की है और प्रशासन से ऐसी अवैध गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखने की मांग की है। इस प्रकार की कार्रवाई न केवल प्राकृतिक जैवविविधता की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि स्थानीय मत्स्य व्यवसायियों को भी संरक्षण देती है।

गरोठ अवैध मछली परिवहन मामले में आगे की जांच तेज

गुरुवार रात गरोठ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अब इस पूरे मामले की तह तक जाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। पुलिस का मानना है कि 30 किलो मछली का परिवहन किसी छोटे स्तर के काम का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक संगठित गिरोह भी हो सकता है। यही वजह है कि आरोपी नागेश पिता राजू कहार से लगातार पूछताछ की जा रही है, ताकि सप्लाई चेन के बाकी कड़ियों तक पहुंचा जा सके।

आरोपी की पृष्ठभूमि की पड़ताल
जानकारी के मुताबिक, आरोपी नागेश का नाम पहले भी अवैध गतिविधियों में आने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि पुलिस आधिकारिक तौर पर अभी इस पर कुछ भी कहने से बच रही है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि आरोपी लंबे समय से इस धंधे में सक्रिय हो सकता है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह मछलियां किन जलाशयों से पकड़ी गईं और इन्हें किस बाजार या खरीदार तक पहुंचाया जाना था।

प्राकृतिक संतुलन को खतरा
मछलियों का प्रजनन काल जलवायु और पारिस्थितिकी के लिए बेहद संवेदनशील समय होता है। इस अवधि में अगर बड़े पैमाने पर मछली आखेट हो, तो न सिर्फ मछलियों की संख्या में भारी गिरावट आती है, बल्कि अन्य जलीय जीवों पर भी इसका सीधा असर पड़ता है। यही वजह है कि मत्स्य विभाग ने इसे गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा है और जिला कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि 15 अगस्त तक मत्स्य आखेट या परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

जनजागरूकता और निगरानी की आवश्यकता
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि प्रशासनिक आदेश के बावजूद ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में ऐसी गतिविधियां कैसे जारी रहती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ कानून सख्त करने से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि स्थानीय लोगों को यह समझाना होगा कि प्रजनन काल में मछलियां न पकड़ना उनके भविष्य के लिए भी जरूरी है। इसके लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविर, स्कूलों में पर्यावरण शिक्षा और मछुआरा समुदाय के साथ संवाद जरूरी कदम हो सकते हैं।

पुलिस की सख्ती जारी
थाना प्रभारी ने साफ किया है कि आने वाले दिनों में सभी प्रमुख सड़कों, तालाबों और नदियों के आसपास गश्त बढ़ाई जाएगी। साथ ही, यदि कोई व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ बिना किसी ढिलाई के कार्रवाई की जाएगी।

गरोठ की यह घटना एक चेतावनी है कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर रोक लगाने के लिए समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर कदम उठाने होंगे।

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