मंदसौर KAILASH VISHWAKARMA – ऑनलाइन शादी वेबसाइट पर रिश्तों की तलाश कर रहे परिवार के विश्वास को तोड़ते हुए एक जालसाज ने शादी का झांसा देकर युवती के भाई से ₹2,66,000 की ठगी कर ली। यह मामला तब सामने आया जब फरियादी ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई और सायबर सेल की मदद से आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
🔹 फर्जी प्रोफ़ाइल, मीठी बातें और फिर सायबर ठगी
फरियादी रितीक सोनी निवासी खानपुरा ने कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह अपनी बहन के लिए जीवनसाथी डॉट कॉम पर रिश्ता ढूंढ रहे थे। जनवरी 2025 में उन्हें “अर्जुन सोनी” नामक युवक की प्रोफ़ाइल मिली, जिसने उनसे संपर्क कर बातचीत शुरू की। आरोपी ने पांच अलग-अलग मोबाइल नंबरों से लगातार संपर्क बनाए रखा और फरवरी से जून 2025 के बीच विभिन्न बहानों से कुल ₹2.66 लाख की ठगी कर डाली।

🔹 शंका के बाद रिपोर्ट, फिर पुलिस की कार्रवाई
जब आरोपी ने अचानक संपर्क बंद कर दिया और पैसे वापस नहीं लौटाए, तब फरियादी को सायबर ठगी की आशंका हुई। कोतवाली पुलिस ने धारा 318(4) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की। सायबर सेल की तकनीकी सहायता से आरोपी की पहचान कर चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) से उसे गिरफ्तार किया गया।

🔹 मुख्य आरोपी के साथ पूरा ठग परिवार सक्रिय
गिरफ्तार आरोपी की पहचान रमणिक लाल पिता दिनेशचंद्र वर्मा (उम्र 34 वर्ष) निवासी अजमेर, वर्तमान में चित्तौड़गढ़ निवासी के रूप में हुई है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि इस गिरोह में उसकी मां उषा वर्मा और जीजा कमलेश सोनी भी शामिल हैं, जो फिलहाल फरार हैं।
आरोपी ने कबूला कि वह अब तक 15 से 20 युवतियों/परिवारों से फर्जी प्रोफाइल बनाकर लाखों की ठगी कर चुका है।
🔹 जप्त सामग्री
पुलिस ने आरोपी से निम्नलिखित सामग्री जप्त की:
- 3 मोबाइल फोन (कुल कीमत ₹1.50 लाख)
- 1 डेल कंपनी का लैपटॉप (कीमत ₹65 हजार)
कुल जप्त मूल्य: ₹2.15 लाख
🔹 फरार आरोपीगण
- उषा वर्मा – निवासी मसूदा, जिला अजमेर, वर्तमान में चित्तौड़गढ़
- कमलेश सोनी – निवासी कांकरोली, जिला राजसमंद
⚠️ सामाजिक चेतावनी
यह घटना सिर्फ एक पुलिस कार्रवाई नहीं, बल्कि उन हजारों परिवारों के लिए चेतावनी है जो मेट्रीमोनियल साइट्स पर रिश्ते तलाशते हैं। डिजिटल युग में भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले ठग हर प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं।
✔️ सावधानी बरतें:
- शादी से पहले व्यक्तिगत रूप से मुलाकात और सत्यापन आवश्यक
- अधिक जानकारी के लिए पुलिस या सायबर सेल की मदद लें
- किसी को पैसे भेजने से पहले ठोस प्रमाण जरूर लें