
पिपलिया मंडी पुलिस ने फर्जी कंपनी चलाने वाले संतोष पाटीदार पर दर्ज किया धोखाधड़ी का मामला
पिपलिया मंडी, मंदसौर ज़िला।
लॉटरी में गाड़ी जीतने का सपना दिखाकर ग्रामीणों को ठगने वाले एक शातिर ठग के खिलाफ पिपलिया मंडी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। आरोपी संतोष पाटीदार पर लॉटरी अधिनियम 1998 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी ने इपरा इंडिया नामक फर्जी कंपनी खड़ी कर ग्रामीणों से हजारों रुपये की ठगी की है।

🎯 कैसे दिया गया लालच?
सूत्रों के अनुसार, संतोष पाटीदार ने मल्हारगढ़ और पिपलिया मंडी क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में एजेंटों के माध्यम से प्रचार करवाया कि उनकी कंपनी “थार, स्कॉर्पियो जैसी लग्ज़री गाड़ियाँ” और मोटरसाइकिल लॉटरी से दिलवा रही है। इसके बदले में ग्रामीणों से ₹300 प्रति रसीद वसूली गई। उन्हें एक कोड भी दिया गया, जिससे वे ऑनलाइन ड्रा या रजिस्ट्रेशन की जानकारी देख सकें। इस तरह आरोपी ने ग्रामीणों का भरोसा जीतकर ठगी को अंजाम दिया।
🏢 कहां चल रहा था गोरखधंधा?
जानकारी के अनुसार, आरोपी का ऑफिस पिपलिया मंडी में एक्सिस बैंक के सामने गुड़ वाली रोड पर है, जहां वह कथित कंपनी का संचालन कर रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि संतोष पाटीदार द्वारा कंपनी का नाम और फॉर्मेट इस तरह से डिजाइन किया गया था कि वह असली लगे।
📌 पुलिस की कार्रवाई
पिपलिया मंडी थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध लॉटरी अधिनियम 1998 की धारा के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। अभी मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और आरोपी की गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है।
🧾 ग्रामीणों से ली गई रसीदें और डेटा का दुरुपयोग
पीड़ित ग्रामीणों का आरोप है कि रसीद के साथ जो कोड दिए गए थे, उनका उपयोग संभवतः डेटा एकत्र करने और आगे किसी अन्य फ्रॉड के लिए किया जा सकता है। कुछ लोगों को व्हाट्सएप और मैसेजिंग प्लेटफार्म पर भी लॉटरी जीतने के फर्जी मैसेज भेजे गए थे।
📣 पुलिस की अपील
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात कंपनी या व्यक्ति द्वारा गाड़ी, मोबाइल, या अन्य इनाम का लालच देने वाली योजनाओं से सतर्क रहें। कोई भी योजना यदि सरकारी या अधिकृत न हो, तो उस पर विश्वास करने से पहले स्थानीय प्रशासन या पुलिस से जांच अवश्य कराएं।
🔎 निष्कर्ष
इस प्रकार के मामलों से स्पष्ट होता है कि ग्रामीण क्षेत्र आज भी जागरूकता की कमी का शिकार हैं। छोटी रकम में बड़ा सपना दिखाकर लोगों की मेहनत की कमाई को लूटा जा रहा है। ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई और जन-जागरूकता समय की मांग है।
