शामगढ़ प्याज मंडी में अव्यवस्थाओं का अंबार, किसानों ने किया चक्का जाम
शामगढ़ (धामनिया)। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के शामगढ़ क्षेत्र की प्रसिद्ध प्याज मंडी इन दिनों अव्यवस्थाओं के कारण फिर से चर्चा में है। सोमवार को मंडी की लाइटें बंद होने से नाराज किसानों ने सुवासरा रोड पर चक्का जाम कर दिया। इससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया और दोनों ओर करीब आधा किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
किसानों की समस्याएं: अव्यवस्थाओं से बेहाल
मंडी में मौजूद अव्यवस्थाओं ने किसानों को परेशान कर रखा है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण किसानों को अपनी फसल बेचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
1. तार फेंसिंग की कमी
मंडी में तार फेंसिंग की व्यवस्था न होने के कारण मवेशी मंडी में घुस जाते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। किसानों का कहना है कि तार फेंसिंग की व्यवस्था जल्द की जाए ताकि मवेशियों से फसल सुरक्षित रहे।
2. बंद कैंटीन
पूर्व में चालू की गई कैंटीन अब बंद पड़ी है, जिससे किसानों और व्यापारियों को खाने-पीने की असुविधा हो रही है। दूर-दराज से आने वाले किसान दिनभर भूखे-प्यासे रहते हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर कैंटीन को पुनः चालू करना चाहिए।
3. पानी की सुविधा का अभाव
मंडी में पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे किसानों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। गर्मी के दिनों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। पानी की सुविधा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
4. प्रकाश व्यवस्था की समस्या
बिना किसी पूर्व सूचना के मंडी की लाइटें बंद कर दी गईं। इसने किसानों के आक्रोश को और बढ़ा दिया। रात के समय फसल बिक्री में काफी दिक्कत होती है। किसानों का कहना है कि यदि प्रकाश व्यवस्था सही होती, तो उनकी समस्याएं कम हो जातीं।
चक्का जाम के चलते यातायात ठप
सोमवार को नाराज किसानों ने सुवासरा रोड पर मंडी के सामने चक्का जाम कर दिया। करीब आधे घंटे तक सड़क जाम रही, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
इस दौरान यात्रियों और वाहन चालकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों ने अपनी समस्याएं जाहिर करते हुए प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन ने संभाली स्थिति
घटना की जानकारी मिलते ही शामगढ़ थाना प्रभारी उदय सिंह अलावा और नायब तहसीलदार राकेश बरडे मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों से बातचीत कर उन्हें समझाने का प्रयास किया। लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद स्थिति सामान्य हो सकी और मंडी की गतिविधियां दोबारा शुरू की गईं।
प्रशासन ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा। हालांकि, किसानों का कहना है कि प्रशासन केवल वादे करता है, लेकिन अमल में कोई कदम नहीं उठाया जाता।
मंडी सचिव की अनुपस्थिति से नाराजगी
हंगामे और चक्का जाम के दौरान मंडी सचिव की गैरमौजूदगी ने किसानों और प्रशासन दोनों को नाराज कर दिया। किसानों का कहना है कि सचिव की लापरवाही से मंडी की समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं। मंडी सचिव की नियमित मौजूदगी सुनिश्चित करना प्रशासन का दायित्व है।
प्रसिद्ध मंडी, लेकिन सुविधाओं की कमी
शामगढ़ प्याज मंडी न केवल मध्य प्रदेश बल्कि राजस्थान के किसानों के लिए भी प्रमुख व्यापारिक केंद्र है। यहां हजारों बैग प्याज बिक्री के लिए लाए जाते हैं। लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण किसान परेशान हैं।
मंडी में अव्यवस्थाओं के कारण किसानों का कहना है कि उन्हें बार-बार परेशान होना पड़ता है। यदि समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो किसान बड़े स्तर पर आंदोलन कर सकते हैं।
स्थानीय नेताओं का हस्तक्षेप
घटना के दौरान भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष धीरज संघवी और दिनेश खाती ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाने की कोशिश की। उन्होंने प्रशासन से मंडी की समस्याओं को जल्द से जल्द हल करने की मांग की। नेताओं ने यह भी कहा कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे उच्च अधिकारियों से मिलकर इसे गंभीरता से उठाएंगे।
समाधान की आवश्यकता
मंडी की समस्याओं का समाधान प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
1. तार फेंसिंग लगाना: मवेशियों की मंडी में घुसपैठ रोकने के लिए फेंसिंग की व्यवस्था करना आवश्यक है।
2. कैंटीन पुनः चालू करना: किसानों और व्यापारियों को भोजन और पेयजल की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए कैंटीन दोबारा शुरू की जानी चाहिए।
3. पानी और बिजली की व्यवस्था: पीने के पानी और प्रकाश व्यवस्था को स्थायी रूप से दुरुस्त करना जरूरी है।
4. प्रशासनिक निगरानी बढ़ाना: मंडी सचिव की नियमित मौजूदगी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
निष्कर्ष
शामगढ़ प्याज मंडी में फैली अव्यवस्थाएं न केवल किसानों बल्कि व्यापारियों और स्थानीय जनता को भी प्रभावित कर रही हैं। प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर जल्द समाधान करना चाहिए। इससे न केवल किसानों को राहत मिलेगी बल्कि मंडी की प्रतिष्ठा भी बनी रहेगी।
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