✍️ रिपोर्ट: कैलाश विश्वकर्मा, संपादक – यशस्वी दुनिया साप्ताहिक

मंदसौर।
मंदसौर पुलिस ने सोमवार की रात बड़ी कार्रवाई करते हुए काका टी स्टॉल, दाऊदखेड़ी रोड, एमआईटी चौराहा मंदसौर से तीन आरोपियों को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से ₹500 के 76 जाली नोट जिनकी कुल कीमत ₹38,000 है, तथा तीन एंड्रॉयड मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान निसार पिता मोहम्मद हुसैन पटेल (36 वर्ष) निवासी नई आबादी बोतलगंज, रियास पिता नन्हे खा नियारगर (38 वर्ष) निवासी मस्जिद के पास अंजुमन गली पिपलिया मंडी, और दीपक कुमार पिता जमुनालाल गर्ग (42 वर्ष) निवासी श्मशान घाट के पास, जवाहर नगर थाना प्रतापगढ़ के रूप में हुई है।

🔍 पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई, नकली नोट गिरोह के तार खंगाले जा रहे हैं
वाय डी नगर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एमआईटी चौराहा स्थित काका टी स्टॉल पर दबिश दी। जांच में तीनों आरोपियों के पास से जाली नोटों का बंडल और मोबाइल फोन बरामद हुए। पुलिस ने मौके पर ही तीनों को गिरफ्तार कर थाने लाकर पूछताछ शुरू की।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 179, 180 BNS, 489B और 489C भारतीय दंड विधान के तहत मामला दर्ज किया है। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि यह तीनों आरोपी किसी बड़े नकली नोट गिरोह का हिस्सा हैं, जो आसपास के क्षेत्रों में जाली नोटों को बाजार में चलाने का काम कर रहे थे।

💣 नोटबंदी के बाद भी नकली नोटों की बरामदगी ने बढ़ाई चिंता
नोटबंदी के वर्षों बाद भी मंदसौर से नकली नोटों की बरामदगी ने सभी को चौंका दिया है। सवाल उठ रहा है कि आखिर ये जाली नोट कहां से आ रहे हैं और इसके पीछे कौन से नेटवर्क सक्रिय हैं। क्या इन नकली नोटों का उपयोग राष्ट्रविरोधी गतिविधियों या आतंकवादी योजनाओं में किया जाना था? या फिर ये नोट स्थानीय बाजार में खपाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे थे?
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच टीम यह पता लगाने की कोशिश में है कि इन नोटों की सप्लाई किस प्रिंटिंग यूनिट या बाहरी स्रोत से की गई थी और क्या इनके तार किसी राज्य या अंतरराज्यीय नेटवर्क से जुड़े हैं।
🚔 मंदसौर में अलर्ट, पुलिस कर रही है गहन पूछताछ
पुलिस ने गिरफ्तार तीनों आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है और इनके मोबाइल की जांच भी की जा रही है। मोबाइल डेटा और कॉल डिटेल से पुलिस को उम्मीद है कि नकली नोटों की सप्लाई चेन का पता चल सकेगा।
पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी संभव है। वहीं, घटना के बाद जिले में सुरक्षा एजेंसियों ने भी सतर्कता बढ़ा दी है।
📌 निष्कर्ष: मंदसौर में नकली नोट कांड ने खोली आर्थिक साजिश की परतें
मंदसौर में पकड़े गए ₹38,000 के जाली नोट केवल एक वित्तीय अपराध का मामला नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संभावित साजिश की ओर भी इशारा करता है।
पुलिस की सतर्कता से तीन आरोपी भले ही पकड़ लिए गए हों, लेकिन असली सवाल अब भी बरकरार है —
यह नकली नोट कहां से आए, किसने बनाए और क्या इनका मकसद भारत की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाना था?
यह सनसनीखेज खुलासा एक बार फिर बता रहा है कि नकली नोटों का खतरा खत्म नहीं हुआ है और ऐसे गिरोह अब भी सक्रिय हैं।