राणापुर(सुनील शर्मा)नगर परिषद चुनावों के दौरान किए गए वादों के विपरीत, राणापुर की नगर परिषद ने शहर के विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। जनता अब यह कहने पर मजबूर है कि उन्होंने अपने जनप्रतिनिधियों के चयन में भारी भूल कर दी है। नगर परिषद और पार्षदगणों द्वारा चुनाव के समय किए गए वादे सिर्फ खोखले साबित हो रहे हैं। नगर पालिका अध्यक्ष सुश्री दीपमाला नलवाइया भी नगर की समस्याओं पर ध्यान देने में नाकाम रही हैं।
अतिक्रमण और ट्रैफिक समस्या पर नगर परिषद विफल
नगर में बढ़ते अतिक्रमण और अव्यवस्थित ट्रैफिक की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के बाहर चार-चार फीट तक सामान फैलाकर रखना आम हो गया है, जिससे मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या और भी बढ़ गई है। हैरानी की बात यह है कि नगर परिषद इन समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है और अतिक्रमण हटाने के प्रयासों में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है।
विकास कार्य सिर्फ दिखावे तक सीमित
नगरवासियों का आरोप है कि नगर परिषद के पिछले ढाई सालों के कार्यकाल में सिर्फ दो प्रमुख कार्य हुए हैं: एमजी रोड और शगुन होटल के सामने कुछ स्पीड ब्रेकर बनाना। इसके अलावा, पहले से पास हुए डामरीकरण के कार्यों की गुणवत्ता इतनी खराब है कि कुछ ही महीनों में सड़कें फिर से गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। लक्ष्मीबाई मार्ग और थाना चौराहा पर बने गड्ढों को सिर्फ सीमेंट से भरकर औपचारिकता पूरी कर दी गई है, जिससे वे देखने में और भी बुरे लगने लगे हैं।
बड़े व्यापारियों के प्रति नरमी, गरीबों पर सख्ती
आरोप है कि नगर परिषद अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ छोटे दुकानदारों और गरीबों को निशाना बनाती है, जबकि बड़े व्यापारियों के अतिक्रमण को नजरअंदाज किया जाता है। नगर परिषद की इस दोहरी नीति से शहर के लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।
चुप हैं नगर के गणमान्य नागरिक और व्यापारी संघ
शहर में हो रही अनदेखी के बावजूद, राणापुर के गणमान्य नागरिक और व्यापारी संघ जो चुनावों के दौरान नगर परिषद के साथ खड़े थे, अब चुप्पी साधे हुए हैं। यह चुप्पी आखिरकार किस मजबूरी की ओर इशारा करती है? क्यों राणापुर के व्यापारी और नागरिक नगर परिषद की विफलताओं पर सवाल नहीं उठा रहे हैं?
“अंधेर नगरी चौपट राजा” बनी राणापुर की पहचान?
राणापुर की जनता अब यह कहने लगी है कि “अंधेर नगरी चौपट राजा” की कहावत राणापुर नगर परिषद पर सटीक बैठती है। जिस नगर परिषद ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया था, वही आज अपने वादों से पीछे हट रही है। राणापुर के नागरिकों को अब समय आ गया है कि वे खुलकर नगर परिषद की नाकामियों पर आवाज उठाएं और अपने हक की लड़ाई लड़ें।
राणापुर की जनता को जागना होगा, नहीं तो यह शहर और भी बुरे हालात में धकेल दिया जाएगा।