ईपीएफओ की नई पहल: अब पेंशनभोगियों के लिए सबकुछ आसान
केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के जरिए ईपीएफओ ने पेंशनभोगियों के जीवन को बेहद सरल और सुविधाजनक बना दिया है। दिसंबर 2024 में इसे देशभर में सफलतापूर्वक लागू किया गया, जिससे 68 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों को 1570 करोड़ रुपये की पेंशन उनके बैंक खातों में सीधे जमा की गई। यह पहल न केवल पेंशन वितरण को सरल बनाती है, बल्कि पेंशनभोगियों की जिंदगी में पारदर्शिता और आत्मनिर्भरता भी लाती है।
पेंशनभोगियों के लिए क्या बदला?
केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली ने पेंशनभोगियों को कई परेशानियों से छुटकारा दिलाया है। पहले, पेंशनभोगियों को एक विशेष बैंक और शाखा में ही पेंशन प्राप्त करने की बाध्यता होती थी। अब, यह बाध्यता समाप्त हो गई है।
सुविधाएं जो सीपीपीएस लेकर आई:
- बैंकिंग स्वतंत्रता: पेंशनभोगी अब किसी भी बैंक और शाखा से पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
- भौतिक सत्यापन खत्म: पेंशन शुरू करने के लिए अब बैंक जाकर दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं।
- कोई रुकावट नहीं: पेंशन अब सीधे बैंक खाते में जमा होती है, जिससे समय और मेहनत की बचत होती है।
- स्थानांतरण में सरलता: अगर पेंशनभोगी शहर या बैंक बदलते हैं, तो भी उन्हें अपनी पेंशन समय पर और निर्बाध रूप से मिलती रहेगी।
- you can also read https://yashasviduniya.com/category/%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A7
सीपीपीएस: कैसे हुई शुरुआत?
सीपीपीएस की शुरुआत अक्टूबर 2024 में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत हुई। इसे करनाल, जम्मू और श्रीनगर के क्षेत्रीय कार्यालयों में लागू किया गया। पायलट प्रोजेक्ट में 49,000 पेंशनभोगियों को 11 करोड़ रुपये की पेंशन वितरित की गई। इसकी सफलता के बाद, नवंबर 2024 में इसे 24 और क्षेत्रीय कार्यालयों में लागू किया गया, जहां 9.3 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को 213 करोड़ रुपये की पेंशन दी गई।
दिसंबर 2024 में इसे पूरे देश के 122 पेंशन वितरण क्षेत्रीय कार्यालयों में लागू किया गया। इसके साथ ही, ईपीएफओ ने 68 लाख पेंशनभोगियों को लगभग 1570 करोड़ रुपये की राशि वितरित करके यह सुनिश्चित किया कि कोई भी पेंशनभोगी इससे वंचित न रहे।
मंत्री डॉ. मांडविया का बयान
y
केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस नई प्रणाली की सराहना करते हुए इसे “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया। उन्होंने कहा, “अब पेंशनभोगी अपने बैंक और शाखा की परवाह किए बिना पेंशन ले सकते हैं। यह परिवर्तन न केवल प्रक्रिया को सरल बनाता है, बल्कि पेंशनभोगियों के जीवन में आत्मनिर्भरता और पारदर्शिता भी लाता है।”
डॉ. मांडविया ने यह भी कहा कि यह पहल ईपीएफओ के सदस्य-केंद्रित दृष्टिकोण का हिस्सा है। सीपीपीएस से पेंशन सेवा वितरण का एक नया मानदंड स्थापित हुआ है, जो तकनीकी उन्नति और उपयोगकर्ता सुविधा का बेहतरीन उदाहरण है।
क्यों है यह बदलाव खास?
पेंशनभोगियों के लिए यह प्रणाली सिर्फ तकनीकी सुधार नहीं है, बल्कि उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पहले, पेंशनभोगियों को पेंशन प्राप्त करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था, जैसे:
- कागजी कार्रवाई का झंझट: पेंशन शुरू करते समय दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बैंक जाना पड़ता था।
- स्थानांतरण की दिक्कतें: शहर या बैंक बदलने पर पेंशनभोगियों को बार-बार प्रक्रिया दोहरानी पड़ती थी।
- सीमित बैंक विकल्प: एक ही बैंक और शाखा तक सीमित रहना पड़ता था।
सीपीपीएस ने इन सभी समस्याओं का समाधान प्रदान किया। अब, पेंशनभोगी अपनी पेंशन देश में कहीं भी, किसी भी बैंक और शाखा से प्राप्त कर सकते हैं।
you can also read click here
भविष्य में क्या होगा?
जनवरी 2025 से सीपीपीएस पूरी तरह से लागू हो जाएगी। इसके बाद पेंशनभोगियों को पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं होगी। चाहे वे किसी भी शहर में जाएं या अपना बैंक और शाखा बदलें, उनकी पेंशन निर्बाध रूप से मिलती रहेगी।
यह उन पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत है जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृहनगर लौट जाते हैं। अब उन्हें पेंशन प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ईपीएफओ की प्रतिबद्धता
ईपीएफओ लगातार अपने पेंशनभोगियों के लिए सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है। केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली इस दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल पेंशन वितरण को तेज और सुरक्षित बनाता है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे तकनीक के सही उपयोग से लाखों लोगों की जिंदगी को सरल और सुखद बनाया जा सकता है।
निष्कर्ष
केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली पेंशनभोगियों के जीवन में एक नई उम्मीद लेकर आई है। यह पहल न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि यह साबित करती है कि सरकार और ईपीएफओ उनके अधिकारों और सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सीपीपीएस के जरिए अब पेंशनभोगी बिना किसी परेशानी के अपने जीवन की मेहनत का फल प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रणाली पेंशनभोगियों के लिए सम्मानजनक और सुविधाजनक जीवन का प्रतीक है।