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डॉ. मनमोहन सिंह नहीं रहे: एक महान नेता, एक सच्चे इंसान को खो दिया भारत ने

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नई दिल्ली, 27दिसंबर 2024 – आज सुबह खबर आई कि डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, अब हमारे बीच नहीं रहे। 92 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। डॉ. सिंह सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक ऐसा चेहरा थे, जिन्होंने अपनी विनम्रता, सादगी और गहरी समझ से हर भारतीय का दिल जीता।

1932 में एक छोटे से गांव गाह (अब पाकिस्तान में) में जन्मे मनमोहन सिंह का सफर साधारण शुरुआत से शुरू हुआ, लेकिन उनकी उपलब्धियां असाधारण रहीं। एक गरीब परिवार से निकलकर ऑक्सफोर्ड तक की पढ़ाई, फिर भारत के वित्त मंत्री और आखिरकार प्रधानमंत्री बनने का सफर – उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करना चाहता है।

1991 में, जब भारत आर्थिक संकट के कगार पर था, तब डॉ. सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में देश को संभाला। उनके द्वारा किए गए सुधारों ने भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी। और फिर 2004 से 2014 तक, उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया। लेकिन उनके बारे में खास बात यह थी कि सत्ता में होने के बावजूद वह हमेशा सादगी और ईमानदारी की मिसाल बने रहे।

डॉ. सिंह के जाने से सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि एक पूरी पीढ़ी ने अपना मार्गदर्शक खो दिया है। वह हमेशा एक शांत, सौम्य और समझदार इंसान के रूप में याद किए जाएंगे। उनका जीवन इस बात की सीख देता है कि आप बड़ी जिम्मेदारियों को भी विनम्रता और सरलता से निभा सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारत के लिए अपूरणीय क्षति है। वह हमेशा अपनी सादगी और विद्वता के लिए याद किए जाएंगे।”

आज, जब देश उन्हें अलविदा कह रहा है, तो उनकी कही एक बात दिल में गूंजती है: “भारत की सफलता उसकी मेहनती जनता में है।”

डॉ. सिंह के जाने के साथ हम सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक आदर्श और सच्चे इंसान को अलविदा कह रहे हैं। उनकी विरासत हमेशा जिंदा रहेगी, और उनकी कहानी हर भारतीय को प्रेरित करती रहेगी।

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