उदयपुर। मेवाड़ राजवंश के पूर्व सांसद और राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक को लेकर विवाद गहरा गया है। परंपरागत रस्में निभाने के लिए विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों की सिटी पैलेस में प्रवेश की कोशिशों का उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ और उनके परिवार ने विरोध किया।
चित्तौड़गढ़ में हुआ राजतिलक, लेकिन उदयपुर में रोका गया प्रवेश
चित्तौड़गढ़ किले के फतह प्रकाश महल में सोमवार को पारंपरिक तरीके से विश्वराज सिंह का राजतिलक किया गया। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई और एकलिंगनाथजी के 77वें दीवान के रूप में घोषित किया गया। लेकिन उदयपुर में धूणी दर्शन की रस्म पूरी करने के लिए सिटी पैलेस में प्रवेश की कोशिश के दौरान विवाद उत्पन्न हो गया।
सिटी पैलेस के दरवाजे बंद, पुलिस बल तैनात
अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर दिए, जिससे विश्वराज और उनके समर्थकों को अंदर प्रवेश करने से रोका गया। पुलिस ने इलाके में बैरिकेडिंग कर दी, लेकिन समर्थकों ने बैरिकेड हटाकर काफिले को आगे बढ़ाने की कोशिश की। जगदीश चौक पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
प्रशासन के हस्तक्षेप के बावजूद कोई सहमति नहीं
उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की कोशिश की। कलेक्टर और एसपी ने पहले विश्वराज सिंह से उनकी गाड़ी में बैठकर चर्चा की और फिर सिटी पैलेस के अंदर अरविंद सिंह मेवाड़ से मुलाकात की। बावजूद इसके, विवाद सुलझ नहीं पाया।
कानून व्यवस्था पर चिंता
अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर सिटी पैलेस और एकलिंगनाथजी मंदिर में बिना अनुमति प्रवेश पर रोक लगाई। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
प्रतीकात्मक परंपरा या अधिकारों की लड़ाई?
लोकतंत्र आने के बाद राजशाही खत्म हो चुकी है, लेकिन मेवाड़ राजवंश में गद्दी पर बैठने की रस्में प्रतीकात्मक रूप से जारी हैं। इस विवाद ने इन परंपराओं और अधिकारों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थिति पर नजर रखी जा रही है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच गतिरोध अभी भी जारी है।(सोर्स दैनिक भास्कर)