ढाका। बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने हाल की घटनाओं के मद्देनजर भारत से अपने दो डिप्लोमैट्स को वापस बुला लिया है। 2 दिसंबर को त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेशी हाई कमीशन पर हमला हुआ था, जबकि कोलकाता में बांग्लादेशी डिप्टी हाई कमीशन के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए।
डिप्लोमैट्स की वापसी और सरकार की प्रतिक्रिया
3 दिसंबर को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत में तैनात कोलकाता के एक्टिंग डिप्टी हाई कमिश्नर मोहम्मद अशरफुर रहमान और त्रिपुरा के असिस्टेंट हाई कमिश्नर आरिफ मोहम्मद को वापस बुलाने का फैसला किया। अशरफुर रहमान ने ढाका पहुंचकर बांग्लादेशी फॉरेन एडवाइजर तौहीद हुसैन से मुलाकात की और अगरतला में हुई घटनाओं की जानकारी दी।
आरिफ मोहम्मद अभी ढाका नहीं पहुंचे हैं, लेकिन उनकी जल्द वापसी की संभावना है। बांग्लादेश सरकार ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि इन डिप्लोमैट्स को दोबारा भारत भेजा जाएगा या नहीं।
अगरतला में बांग्लादेशी झंडे का अपमान और हिंसा
अगरतला में 2 दिसंबर को हुए हमले के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेशी हाई कमीशन में घुसकर तोड़फोड़ की और बांग्लादेशी झंडे का अपमान किया। इस घटना में 50 से अधिक प्रदर्शनकारी शामिल थे, जिनमें से 7 को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस और प्रशासन पर कार्रवाई
इस घटना के बाद त्रिपुरा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन सब-इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया, जबकि एक डीएसपी को लापरवाही के लिए पुलिस हेडक्वार्टर में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है।
ढाका में भारतीय उत्पादों का विरोध
इन घटनाओं के जवाब में बांग्लादेश में भी विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। ढाका में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय साड़ी जलाकर भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की।
भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस घटना को “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया और आश्वासन दिया कि सुरक्षा में किसी भी चूक को गंभीरता से लिया जाएगा।
अगरतला और कोलकाता में हुई घटनाओं से भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया है। दोनों देशों की सरकारें इन मुद्दों को शांतिपूर्वक सुलझाने की कोशिश कर रही हैं। बांग्लादेश सरकार के इस कदम से स्पष्ट है कि वह अपने राजनयिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है।