अनूपपुर, 08 दिसंबर 2024:(राजेश पटेल)
अनूपपुर के वयोवृद्ध कांग्रेस नेता और समाजसेवी श्री शंकर प्रसाद शर्मा, जिन्हें शंकर बाबूजी के नाम से जाना जाता है, का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। सादगी, सदाचार और समाज सेवा के प्रतीक शंकर बाबूजी का जीवन क्षेत्र के लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत था।
राजनीतिक जीवन:
शंकर बाबूजी कांग्रेस के मजबूत स्तंभ के रूप में विख्यात रहे।
1965-1970: ग्राम पंचायत अनूपपुर के सरपंच।
1977: अनूपपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी।
2003: नगर परिषद अनूपपुर के कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार।
वे शहडोल जिला सहकारी बैंक और महाराष्ट्र बैंक के डायरेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे।
सामाजिक और साहित्यिक योगदान:
शंकर बाबूजी समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी रहे। उन्होंने अनूपपुर के विकास के लिए कई जनहितकारी कार्य किए।
तुलसी महाविद्यालय: सचिव के रूप में महाविद्यालय के निर्माण और संचालन में योगदान।
राम जानकी मंदिर: सामुदायिक भवन का निर्माण।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र: 4-5 कमरों का निर्माण जनसहयोग से।
बापू नवज्योति शिविर: आंखों के मरीजों के लिए शिविरों का आयोजन, जिससे हजारों लोगों को लाभ मिला।
जीवनशैली और व्यक्तिगत पहचान:
शंकर बाबूजी की जीवनशैली सादगी और विनम्रता से भरपूर थी। सफेद हाफ शर्ट और ग्रे पैंट पहनने वाले बाबूजी ने कभी दिखावा नहीं किया। उनका प्रत्येक घर से सीधा संवाद था।
अनूपपुर के विकास में योगदान:
अनूपपुर को ग्राम पंचायत से जिला मुख्यालय तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका।
शासकीय और अशासकीय कार्यालयों की स्थापना में अहम योगदान।
शैक्षणिक और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में सक्रिय रहे।
पारिवारिक जीवन:
उनके दो पुत्र हैं:
1. श्री प्रमोद कुमार शर्मा (राजेंद्रग्राम)
2. श्री विनोद कुमार शर्मा (शंकर मेडिकल स्टोर, अनूपपुर)
शंकर बाबूजी की विरासत:
शंकर बाबूजी के निधन से अनूपपुर ने एक महान व्यक्तित्व और मार्गदर्शक खो दिया है। उनकी सादगी, सेवाभाव, और समाज के प्रति समर्पण हमेशा याद किए जाएंगे।