संजीत 14 दिसंबर ( बंशीदास बैरागी)
मल्हारगढ़ विधानसभा के संजीत गांव में अजा बस्ती मांगलिक भवन निर्माण का कार्य बीते चार वर्षों से अधूरा पड़ा है। इस परियोजना का बजट ₹13,51,500 स्वीकृत हुआ था, लेकिन निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका। ठेकेदार और पंचायत के बीच समन्वय की कमी और मजदूरों की अनुपलब्धता जैसी समस्याओं ने काम को बाधित कर दिया है।
पंचायत परिसीमन ने निर्माण में डाला रोड़ा
ग्राम पंचायत संजीत के उपयंत्री जसवीर सिंह ने बताया कि शुरुआती देरी पंचायत परिसीमन के कारण हुई। निर्माण स्थल फोसरी पंचायत में स्थानांतरित हो गया था, जिसके कारण राशि ट्रांसफर नहीं हो सकी। बाद में एजेंसी दोबारा संजीत पंचायत को दी गई, लेकिन आठ महीने बाद ही निर्माण कार्य शुरू हो सका।
ठेकेदार का पक्ष
निर्माण कार्य के ठेकेदार दिलीप डांगी ने कहा,
“मजदूरों की भारी कमी के कारण निर्माण कार्य धीमा पड़ा है। अभी दीवारों का प्लास्टर और फर्श का काम बाकी है। मेरे अन्य निर्माण कार्यों के चलते संजीत मांगलिक भवन का कार्य प्रभावित हुआ है।”
ग्राम सरपंच ने दी सफाई
ग्राम पंचायत सरपंच जुल्फीकर मेव ने स्वीकार किया कि मांगलिक भवन का ठेका बिना किसी लिखित अनुबंध के दिया गया। उन्होंने कहा,
“लंबे समय से काम अधूरा पड़ा है। हम जल्द इसे पूरा करने की योजना बना रहे हैं।”
अवैध रेत खनन के भी आरोप
इसी क्षेत्र में अवैध रेत खनन और बिना रॉयल्टी के काली रेत का उपयोग पंचायतों में हो रहा है। सहायक यंत्री के निरीक्षण की कमी ने इन अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया है।
जनता की नाराज़गी
स्थानीय निवासियों ने इस लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि निर्माण कार्य में देरी से क्षेत्र में विकास कार्य ठप पड़ा है। लोगों ने पंचायत और संबंधित अधिकारियों से जल्द कार्रवाई की मांग की है।
क्या होगा आगे?
चार साल बीतने के बावजूद मांगलिक भवन का निर्माण अधूरा है। अब सवाल उठता है कि क्या इस बार काम समय पर पूरा होगा या फिर इसे और इंतजार करना पड़ेगा।
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