मंदसौर, 19 अगस्त 2025।
औद्योगिक क्षेत्र किसी भी जिले की प्रगति और आर्थिक विकास की धुरी होते हैं। मंदसौर जिले में औद्योगिक विकास को और अधिक रफ्तार देने के लिए जिला उद्योग संवर्धन बोर्ड की अहम बैठक सुशासन भवन स्थित सभागृह में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग ने की। बैठक में औद्योगिक क्षेत्र शामगढ़ और पानपुर को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और उद्योगपतियों की समस्याओं तथा सुझावों पर विस्तार से चर्चा हुई।

कलेक्टर श्रीमती गर्ग ने बैठक में साफ निर्देश दिए कि औद्योगिक क्षेत्र में बिजली, पानी और सड़क जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि जब तक औद्योगिक क्षेत्र में आधारभूत ढांचा मजबूत नहीं होगा, तब तक निवेशक और उद्यमी पूरी तरह से आकर्षित नहीं होंगे।


शामगढ़ और पानपुर औद्योगिक क्षेत्र का विकास
बैठक में बताया गया कि शामगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में न्यूनतम 500 वर्ग मीटर से लेकर अधिकतम 1500 वर्ग मीटर तक के कुल 302 भूखंड तैयार किए गए हैं। वहीं पानपुर औद्योगिक क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर से लेकर 9000 वर्ग मीटर तक के कुल 68 भूखंड उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
ये दोनों औद्योगिक क्षेत्र जिले में रोजगार और निवेश की नई संभावनाओं को जन्म देंगे। विशेष रूप से पानपुर औद्योगिक क्षेत्र बड़े उद्योगों के लिए उपयुक्त माना जा रहा है, क्योंकि यहां बड़े साइज के प्लॉट उपलब्ध हैं।
इस बैठक में मंदसौर विधायक श्री विपिन जैन, सुवासरा विधायक श्री हरदीप सिंह डंग, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक श्री मंगल रायकवार और जिले के प्रमुख उद्योगपति भी मौजूद रहे।

ई-बिडिंग से होगा भूखंड आवंटन
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि अब जिले के किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड आवंटन पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से होगा। राज्य शासन द्वारा निर्धारित पोर्टल mpmsme.gov.in पर ऑनलाइन ई-बिडिंग प्रक्रिया के माध्यम से भूखंडों का आवंटन किया जाएगा।
- आवेदक को निर्धारित प्रपत्र और आवश्यक दस्तावेजों के साथ 5,000 रुपये का आवेदन शुल्क जमा करना होगा।
- आवेदन करने वाली इकाई को प्रचलित प्रीमियम राशि का 25 प्रतिशत अग्रिम जमा करना अनिवार्य होगा।
- आवेदन शुल्क वापसी योग्य नहीं होगा।
- प्रथम वर्ष में अनुसूचित जाति और जनजाति उद्यमियों के लिए 20 प्रतिशत भूखंड आरक्षित रहेंगे।
ई-बिडिंग प्रक्रिया से औद्योगिक क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और योग्य उद्यमियों को भूखंड उपलब्ध कराना आसान होगा।
अविकसित भूमि का आवंटन
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अविकसित भूमि का आवंटन केवल मध्यम उद्योगों को ही किया जाएगा। यदि विशेष परिस्थितियों में लघु उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराना आवश्यक हुआ, तो शासन से प्रशासकीय स्वीकृति ली जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि औद्योगिक क्षेत्र का विकास व्यवस्थित रूप से आगे बढ़े।
जिले में चिन्हित नए औद्योगिक क्षेत्र
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, मंदसौर ने जिले में कई नए स्थानों को औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए चिन्हित किया है। इससे आने वाले समय में जिले का औद्योगिक नक्शा और विस्तृत होगा। चिन्हित भूमि इस प्रकार है –
- ग्राम डिंगाव माली – 11.41 हेक्टेयर
- ग्राम निनोरा – 11.35 हेक्टेयर
- ग्राम सेमली काकड़ – 10 हेक्टेयर
- ग्राम सेमली संकर – 10 हेक्टेयर
- ग्राम भूखी – 1.6 हेक्टेयर
- ग्राम मल्हारगढ़ – 3.7 हेक्टेयर
- ग्राम गुराड़िया देदा – 2.4 हेक्टेयर
- ग्राम खत्रूखेड़ी – 72.49 हेक्टेयर
यह आंकड़ा बताता है कि जिला प्रशासन औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है।
उद्योगपतियों की राय और सुझाव
बैठक के दौरान उद्योगपतियों ने भी अपने विचार रखे। उनका मानना था कि पानपुर औद्योगिक क्षेत्र में अधिकतर प्लॉट का आकार 5000 वर्ग मीटर रखा जाए ताकि बड़े उद्योगों को स्थापित करने में आसानी हो।
साथ ही, सभी औद्योगिक क्षेत्रों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से स्थापित करने की मांग की गई। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम होगा बल्कि उद्योगों को पानी की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
उद्योगपतियों ने बिजली और पानी की आपूर्ति को और मजबूत करने पर भी बल दिया। उनका कहना था कि औद्योगिक क्षेत्र तभी सफल हो सकता है जब यहां निर्बाध बिजली और जल आपूर्ति मिले।
औद्योगिक क्षेत्र का महत्व और भविष्य की दृष्टि
औद्योगिक क्षेत्र केवल रोजगार का साधन नहीं है, बल्कि यह जिले की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। मंदसौर जैसे जिले में, जहां कृषि प्रमुख व्यवसाय है, औद्योगिक क्षेत्र के विकास से युवाओं को नए अवसर मिलेंगे।
शामगढ़ और पानपुर औद्योगिक क्षेत्र की सफलता से जिले में निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। साथ ही, नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने से स्थानीय कच्चे माल पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग ने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि मंदसौर जिला औद्योगिक विकास का हब बने और आने वाले वर्षों में यहां के औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाए।
निवेश और रोजगार की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि औद्योगिक क्षेत्र की योजनाओं को सही ढंग से लागू किया गया तो मंदसौर जिले में अगले पांच वर्षों में हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकता है।
- पानपुर औद्योगिक क्षेत्र बड़े उद्योगों को आकर्षित करेगा।
- शामगढ़ औद्योगिक क्षेत्र छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए उपयुक्त रहेगा।
- चिन्हित नई भूमि पर भविष्य में कपड़ा, दवा, खाद्य प्रसंस्करण और एग्रो-बेस्ड उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
इससे न केवल जिले के राजस्व में वृद्धि होगी बल्कि पलायन भी कम होगा।
निष्कर्ष
औद्योगिक क्षेत्र का व्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास ही मंदसौर जिले की आर्थिक समृद्धि की कुंजी है। जिला प्रशासन ने जिस गंभीरता से इस दिशा में कदम उठाए हैं, उससे यह स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में मंदसौर औद्योगिक मानचित्र पर एक नई पहचान बनाने के लिए तैयार है।
कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग द्वारा दिए गए निर्देश और उद्योगपतियों के सुझाव यदि प्रभावी ढंग से लागू किए जाते हैं, तो शामगढ़ और पानपुर औद्योगिक क्षेत्र आने वाले समय में जिले की विकास यात्रा का आधार स्तंभ साबित होंगे।
