नई दिल्ली, 04 जनवरी 2025
चीन में श्वसन रोगों के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक का उद्देश्य चीन में बढ़ते श्वसन संबंधी मामलों का मूल्यांकन करना और भारत में संभावित प्रभाव को रोकने के लिए निगरानी और तैयारी की स्थिति की समीक्षा करना था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि देश किसी भी प्रकार के श्वसन रोगों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
बैठक की अध्यक्षता परिवार कल्याण मंत्रालय के महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाओं (डीजीएचएस) ने की, जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों और संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ (DM Cell), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) शामिल थे।
चीन में श्वसन रोगों की स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वह चीन में श्वसन रोगों की बढ़ती घटनाओं पर करीबी नजर बनाए हुए है। विशेष रूप से, फ्लू के मौसम में होने वाले सामान्य श्वसन संक्रमणों में वृद्धि देखी जा रही है। चीन में इस समय इन्फ्लूएंजा वायरस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV), और ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जो मौसमी तौर पर सामान्य संक्रमण होते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने WHO से आग्रह किया है कि वह चीन में हो रहे श्वसन संक्रमणों के बारे में समय पर जानकारी साझा करें, ताकि भारत में स्थिति की सही जानकारी मिल सके और किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाए जा सकें।
you can also click on for same news click here
भारत में श्वसन रोगों की स्थिति
बैठक के बाद मंत्रालय ने बयान जारी किया कि भारत में श्वसन रोगों के मामलों में किसी भी असामान्य वृद्धि का संकेत नहीं मिला है। इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। ICMR और IDSP नेटवर्क के माध्यम से इन बीमारियों की निगरानी की जाती है, और दोनों के आंकड़े बताते हैं कि इन मामलों में कोई अप्रत्याशित वृद्धि नहीं हुई है।
अस्पतालों के चिकित्सकों ने भी पुष्टि की है कि मौसमी बदलावों के अलावा, पिछले कुछ हफ्तों में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में कोई गंभीर बदलाव नहीं देखा गया है।
एहतियाती कदम और निगरानी की स्थिति
हालांकि भारत में श्वसन रोगों की स्थिति सामान्य है, फिर भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने एहतियाती कदम उठाने का निर्णय लिया है:
- HMPV पर निगरानी बढ़ाई जाएगी: ICMR ने घोषणा की है कि HMPV (Human Metapneumovirus) पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और इसके परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही, इस वायरस पर पूरे वर्ष निगरानी जारी रहेगी।
- मजबूत निगरानी प्रणाली: इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के लिए देशभर में एक मजबूत निगरानी प्रणाली पहले से मौजूद है। ICMR और IDSP के नेटवर्क द्वारा इन बीमारियों पर सतत निगरानी रखी जा रही है, और अब तक इन मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं पाई गई है।
- स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी: हाल ही में आयोजित आपातकालीन अभ्यास से यह सुनिश्चित किया गया कि भारत श्वसन रोगों के मामलों में किसी भी वृद्धि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
विशेषज्ञों का दृष्टिकोण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय किसी भी प्रकार की घबराहट की आवश्यकता नहीं है। जो वायरस चीन में फैल रहे हैं, वे पहले से ही भारत और अन्य देशों में मौजूद हैं और इनकी मौसमी गतिविधियां सामान्य हैं। भारत में इन श्वसन वायरसों से निपटने के लिए मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली और निगरानी नेटवर्क पहले से स्थापित हैं।
जनता से अपील: सतर्क रहें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से अपील की है कि वे श्वसन संबंधी बीमारियों से बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाएं:
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें, खासकर जब आप बीमार महसूस कर रहे हों या भीड़-भाड़ में हों।
- हाथों की स्वच्छता बनाए रखें और नियमित रूप से हाथ धोएं।
- खांसते या छींकते समय रुमाल या टिशू का इस्तेमाल करें।
- श्वसन संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में श्वसन रोगों के बढ़ते मामलों पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। विशेषज्ञों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि मौजूदा स्थिति नियंत्रण में है, और भारत किसी भी स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
जनता से अपील की जाती है कि वे सावधानी बरतें और श्वसन संबंधी बीमारियों से बचने के लिए जागरूक रहें। सरकार ने स्थिति की निगरानी बढ़ा दी है और किसी भी स्वास्थ्य संकट का सामना करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।