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October 10, 2025 3:48 pm

आंध्रप्रदेश के सूखा प्रभावित जिलों के लिए केंद्र और राज्य मिलकर बनाएंगे एकीकृत कार्ययोजना: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

🗓️ प्रकाशन तिथि: 10 जुलाई 2025 | स्थान: पुट्टपर्थी, श्री सत्य साईं जिला, आंध्र प्रदेश
✍️ रिपोर्ट: यशस्वी दुनिया न्यूज़ डेस्क


केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दक्षिणी आंध्र प्रदेश के सूखा प्रभावित जिलों की स्थिति को लेकर राज्य सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में प्राकृतिक खेती, पाम ऑयल मिशन और दीर्घकालिक समाधान की संभावनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई।

यह बैठक श्री सत्य साईं जिले के कलेक्ट्रेट स्थित पीजीआरएस हॉल में आयोजित की गई। बैठक के बाद श्री चौहान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सूखा प्रभावित जिलों के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर एक एकीकृत कार्ययोजना तैयार करेंगी, ताकि किसानों को स्थायी राहत मिल सके।

आंध्र प्रदेश के सूखा प्रभावित जिलों के लिए केंद्र और राज्य मिलकर बनाएंगे एकीकृत कार्ययोजना: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

🔎 सूखे से निपटने के लिए केंद्र की पांच बड़ी घोषणाएं:

  1. ICAR वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों की टीम भेजी जाएगी जो क्षेत्र का सर्वे कर समाधान सुझाएगी।
  2. वर्षा जल संचयन, पौधारोपण और वॉटरशेड प्रबंधन पर केंद्रित रणनीति बनाई जाएगी।
  3. तुंगभद्रा और कृष्णा नदी से जल लाने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
  4. एकीकृत खेती के तहत फल, फूल, सब्ज़ियां, मधुमक्खी पालन और पशुपालन जैसी योजनाएं शुरू होंगी।
  5. सूखा प्रभावित इलाकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की नई किस्में विकसित की जाएंगी।

आंध्र प्रदेश के सूखा प्रभावित जिलों के लिए केंद्र और राज्य मिलकर बनाएंगे एकीकृत कार्ययोजना: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

📢 शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा?

“आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र में लगातार सूखा पड़ता है। यहां के किसान संघर्ष कर रहे हैं। हमने तय किया है कि केंद्र और राज्य मिलकर यहां की समस्याओं का स्थायी समाधान निकालेंगे।”

श्री चौहान ने कहा कि पुरानी सरकारों द्वारा केंद्र की राशि का गलत उपयोग किया गया, जिससे किसानों को नुकसान हुआ। लेकिन अब मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश सरकार सक्रियता से कार्य कर रही है।

“ड्रिप इरिगेशन, हॉर्टिकल्चर जैसे क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा लिए गए कदम सराहनीय हैं। अब हम एक साथ मिलकर इन जिलों के लिए नई दिशा तय करेंगे।”


🌿 प्राकृतिक खेती और पाम ऑयल मिशन पर जोर

बैठक में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय पाम ऑयल मिशन को प्रभावी रूप से लागू करने को लेकर भी रणनीति बनाई गई। केंद्र सरकार चाहती है कि आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में वैकल्पिक फसलें अपनाकर किसान आत्मनिर्भर बनें।


🤝 केंद्र–राज्य साझेदारी से मिलेगा किसानों को लाभ

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “यह केवल एक बैठक नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। आने वाले दिनों में सर्वेक्षण रिपोर्ट, फील्ड विज़िट, और पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से हर जिले की ज़रूरतों के अनुसार योजनाएं बनाई जाएंगी।”


📌 निष्कर्ष:
यह बैठक दक्षिण आंध्र प्रदेश के लिए कृषि सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। यदि यह संयुक्त कार्ययोजना लागू होती है, तो सूखा प्रभावित जिलों के लाखों किसानों को मिलेगा राहत का रास्ता।

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