:
C
गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में संकट का सामना कर रहे हैं। हाल ही में टीम के खराब प्रदर्शन ने उनकी स्थिति को अस्थिर बना दिया है। बीसीसीआई ने संकेत दिया है कि अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं होता है, तो सिडनी टेस्ट और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के बाद गौतम गंभीर को कोच पद से हटाने पर विचार किया जा सकता है। भारतीय क्रिकेट के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर, गंभीर की कोचिंग शैली और उनके फैसलों को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद प्रदर्शन में गिरावट
टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद उम्मीद की जा रही थी कि टीम का प्रदर्शन बेहतर होगा। हालांकि, उसके बाद से भारतीय टीम के प्रदर्शन में गिरावट आई है। श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में हार के बाद घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम ने अब तक निराशाजनक प्रदर्शन किया है। टीम फिलहाल सीरीज में 1-2 से पीछे चल रही है। इस खराब प्रदर्शन ने भारतीय टीम के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में पहुंचने की संभावनाओं को भी खतरे में डाल दिया है।
गौतम गंभीर की कोचिंग पर सवाल
टी20 वर्ल्ड कप के बाद मुख्य कोच बने गौतम गंभीर के कार्यकाल में भारतीय टीम का प्रदर्शन लगातार सवालों के घेरे में रहा है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर टीम के खिलाड़ियों के साथ स्पष्ट संवाद बनाने में असफल रहे हैं।
खबरों के मुताबिक, गंभीर के और सीनियर खिलाड़ियों, जैसे रोहित शर्मा और विराट कोहली, के बीच कोई बड़ा विवाद नहीं है। लेकिन युवा खिलाड़ियों और टीम के मध्यवर्ती सदस्यों के साथ उनका संवाद और तालमेल ठीक नहीं है। कई खिलाड़ियों का मानना है कि गंभीर चयन से जुड़े फैसले स्पष्ट रूप से नहीं बताते, जिससे टीम के भीतर असंतोष पैदा हो रहा है।
द्रविड़ और शास्त्री से तुलना
गौतम गंभीर की कोचिंग की तुलना पूर्व कोच राहुल द्रविड़ और रवि शास्त्री से की जा रही है। दोनों कोचों ने अपने कार्यकाल में भारतीय टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। द्रविड़ और शास्त्री की सबसे बड़ी ताकत यह थी कि वे खिलाड़ियों के साथ संवाद में पारदर्शिता रखते थे।
इसके विपरीत, गौतम गंभीर को संवाद और नेतृत्व में संघर्ष करते हुए देखा जा रहा है। खासकर युवा खिलाड़ियों के साथ उनका जुड़ाव उतना मजबूत नहीं है। चयन से जुड़े उनके फैसलों को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी रहती है, जिससे टीम का माहौल प्रभावित हो रहा है।
सिडनी टेस्ट और चैंपियंस ट्रॉफी पर टिकी नजरें
बीसीसीआई ने यह साफ कर दिया है कि आगामी सिडनी टेस्ट और 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी भारत के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। यदि इन मैचों में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहतर नहीं हुआ, तो गौतम गंभीर के कोच पद पर बने रहने की संभावना कम हो जाएगी।
भारतीय टीम के भविष्य के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है। बीसीसीआई कोच और खिलाड़ियों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करना चाहता है ताकि टीम आगामी टूर्नामेंट्स में अच्छा प्रदर्शन कर सके।
गौतम गंभीर के सामने चुनौतियां
गौतम गंभीर के लिए यह एक बड़ा मौका है कि वे अपनी कोचिंग क्षमता साबित करें। उनके कार्यकाल में टीम के प्रदर्शन में सुधार की जरूरत है। अगर वह खिलाड़ियों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने में सफल होते हैं और टीम को जीत की राह पर ला पाते हैं, तो उनकी स्थिति मजबूत हो सकती है।
हालांकि, यदि यह सुधार नहीं हुआ, तो बीसीसीआई जल्द ही नया कोच नियुक्त कर सकता है। गंभीर को यह सुनिश्चित करना होगा कि टीम के युवा खिलाड़ियों को उचित समर्थन और मार्गदर्शन मिले।
निष्कर्ष
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हालिया प्रदर्शन ने उनकी कोचिंग शैली पर कई सवाल खड़े किए हैं। सिडनी टेस्ट और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 उनके कोचिंग करियर का निर्णायक मोड़ साबित हो सकते हैं।
बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट के लिए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि टीम में नेतृत्व और संवाद के मुद्दों का समाधान हो। अब देखना होगा कि गौतम गंभीर इन चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं और टीम को सफलता की राह पर वापस ला पाते हैं या नहीं।
More from yashasviduniya click here
Rohit Sharma addresses Rishabh Pant’s recent form | Press Conference | Fox Cricket