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November 2, 2025 7:17 am

मंदसौर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: अंतर्राज्यीय नकली नोट गिरोह का पर्दाफाश, हरियाणा से दो आरोपी गिरफ्तार

मंदसौर पुलिस नकली नोट गिरोह

मंदसौर पुलिस ने हरियाणा से पकड़े गिरोह के दो मुख्य सदस्य

मंदसौर / वायडी नगर।
मंदसौर पुलिस ने नकली भारतीय मुद्रा के अंतर्राज्यीय गिरोह का बड़ा पर्दाफाश करते हुए हरियाणा के अंबाला जिले से दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लंबे समय से नकली नोटों की सप्लाई कर रहा था और मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में जाली नोटों का जाल फैला चुका था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से नकली नोट और घटना में प्रयुक्त एक लग्जरी कार भी जब्त की है।

इस कार्रवाई से मंदसौर पुलिस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अपराधियों के लिए जिले की सीमाएं कोई ढाल नहीं हैं। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में जुटी है।

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मुखबिर की सूचना से खुला राज – 76 जाली नोट बरामद

चौकी मुल्तानपुरा थाना वायडी नगर प्रभारी उप निरीक्षक कपिल सौराष्ट्रीय एवं उनकी टीम को 27 अक्टूबर 2025 को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ व्यक्ति भारतीय मुद्रा जैसे दिखने वाले नकली नोटों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं।
सूचना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और मौके पर दबिश देकर कुल 76 जाली नोट (मूल्य ₹38,000) जब्त किए। पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की।

जांच के दौरान जब प्रारंभिक आरोपियों से गहन पूछताछ की गई तो खुलासा हुआ कि ये नकली नोट हरियाणा के अंबाला निवासी संदीप सिंह और उसके साथी प्रिंस अहलावत द्वारा उपलब्ध कराए गए थे।


हरियाणा तक पहुंची मंदसौर पुलिस – साइबर सेल की तकनीकी मदद से सफलता

इस अहम जानकारी के बाद पुलिस अधीक्षक मंदसौर के निर्देशन में वायडी नगर थाना प्रभारी निरीक्षक शिवांशु मालवीय के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम को सायबर सेल मंदसौर की तकनीकी सहायता प्राप्त थी।
इस टीम ने हरियाणा के जिला कुरूक्षेत्र में दबिश दी और वहां से दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं —
1️⃣ संदीप सिंह पिता नरेंद्र सिंह बसैती, उम्र 38 वर्ष, निवासी ग्राम लांडी, थाना शाहबाद, जिला कुरूक्षेत्र (हरियाणा)
2️⃣ प्रिंस पिता रमेश कुमार अहलावत, उम्र 23 वर्ष, निवासी ग्राम बरोट, थाना लडवा, जिला कुरूक्षेत्र (हरियाणा)

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 12 जाली नोट (₹6,000) और घटना में प्रयुक्त हुंडई वर्ना कार (क्रमांक HR-70 F-8108, मूल्य लगभग ₹10 लाख) भी जब्त की है।

मंदसौर पुलिस नकली नोट गिरोह

पहले भी रह चुके हैं गिरफ्तार – अब बने बड़े सप्लायर

पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दोनों आरोपी हरियाणा पुलिस द्वारा पूर्व में भी नकली नोट मामलों में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जेल से छूटने के बाद इन्होंने दोबारा इस अवैध कारोबार को शुरू किया और अब सप्लाई चेन के प्रमुख लिंक बन गए थे।

यह गिरोह सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से नकली नोटों के खरीदारों से संपर्क करता था और नकली नोटों की सप्लाई के बदले वास्तविक मुद्रा का एक हिस्सा लेता था। नोटों की क्वालिटी इतनी सटीक थी कि आम व्यक्ति उन्हें असली नोट समझ बैठता था।

पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि ये नकली नोट कहां से तैयार किए जाते थे, कौन इन्हें प्रिंट करता था और किन-किन राज्यों में इनकी सप्लाई होती थी।


पुलिस की सक्रियता और सटीक रणनीति बनी सफलता की कुंजी

इस पूरी कार्रवाई में मंदसौर पुलिस की सूझबूझ, साइबर सेल की तकनीकी सहायता और टीम की निष्ठा ने निर्णायक भूमिका निभाई।
निरीक्षक शिवांशु मालवीय, उप निरीक्षक कपिल सौराष्ट्रीय, उप निरीक्षक विनय बुंदेला, आरक्षक नवाज (344), आरक्षक कमलपाल सिंह (367), आरक्षक चालक सुंदर सिंह, तथा सायबर सेल के प्रधान आरक्षक आशीष बैरागी ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया।

पुलिस टीम ने कई दिनों तक हरियाणा में रहकर निगरानी और तकनीकी ट्रैकिंग की, तब जाकर दोनों मुख्य आरोपी पुलिस के शिकंजे में आए।


मंदसौर पुलिस का संदेश – नकली नोट कारोबार पर जीरो टॉलरेंस

मंदसौर पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को नकली नोट या ऐसे लेनदेन की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। नकली भारतीय मुद्रा का निर्माण, परिवहन या लेन-देन गंभीर अपराध है, जिसके लिए कठोर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।

मंदसौर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिले में जाली नोट गिरोहों, मादक पदार्थ तस्करों और साइबर अपराधियों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। ऐसे किसी भी आपराधिक नेटवर्क को जड़ से समाप्त करने के लिए पुलिस हर संभव कदम उठा रही है।


निष्कर्ष

मंदसौर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक अंतर्राज्यीय नकली नोट गिरोह का भंडाफोड़ है बल्कि यह संदेश भी देती है कि अपराध कितना भी संगठित क्यों न हो, क़ानून की पकड़ से बचना असंभव है।
हरियाणा से लेकर मध्य प्रदेश तक फैले इस जाल को तोड़ना पुलिस की तकनीकी दक्षता, सतर्कता और त्वरित कार्रवाई का उत्कृष्ट उदाहरण है।


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