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September 19, 2025 7:12 pm

बैरबी–सायरंग रेल परियोजना : मिज़ोरम पहली बार राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ा, पूर्वोत्तर विकास की नई जीवनरेखा

जबलपुर, 04 सितम्बर 2025।
भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए मिज़ोरम को पहली बार राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ दिया है। 10 जून 2025 को हरतकी से सायरंग तक अंतिम रेल खंड के शुरू होते ही बैरबी–सायरंग नई रेल परियोजना पूर्ण हो गई। इस परियोजना के पूरा होने से मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल भारतीय रेल मानचित्र पर दर्ज हो गई।

यह महत्वाकांक्षी परियोजना 29 नवम्बर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई आधारशिला से शुरू हुई थी। वर्ष 2016 में बैरबी तक मालगाड़ी पहुँची थी और अब 51.38 किलोमीटर लंबी पूरी रेल लाइन आम जनता के लिए खोल दी गई है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 8071 करोड़ रुपये रही है।


बैरबी–सायरंग रेल परियोजना की तकनीकी विशेषताएँ

  • यह रेल लाइन कोलासिब और आइज़ोल जिलों से होकर गुजरती है।
  • 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति क्षमता के अनुरूप तैयार की गई है।
  • इस मार्ग में कुल 4 नए स्टेशन बनाए गए हैं – हरतकी, कॉनपुई, मुअलखांग और सायरंग।
  • परियोजना के तहत 153 पुल बनाए गए हैं, जिनमें 55 बड़े पुल, 88 छोटे पुल और 10 आरओबी/आरयूबी शामिल हैं।
  • कुल 45 सुरंगें बनाई गई हैं, जिनसे होकर 15.885 किलोमीटर लंबाई की लाइन गुजरेगी।
  • सबसे लंबी सुरंग 1.868 किलोमीटर लंबी है। सभी सुरंगों में आधुनिक बलास्ट-रहित पटरियाँ बिछाई गई हैं।
  • सुरंगों की दीवारों पर मिज़ोरम की लोक संस्कृति, परिधान, त्यौहार और जैव विविधता को दर्शाते भित्तिचित्र बनाए गए हैं।

चुनौतियों पर विजय

इस परियोजना को पूरा करना आसान नहीं था।

  • अप्रैल से अक्टूबर तक चलने वाला भारी मानसून
  • बार-बार होने वाले भूस्खलन
  • निर्माण सामग्री की आपूर्ति में कठिनाई
  • कठिन पहाड़ी इलाकों और कमजोर चट्टानों से होकर मार्ग तैयार करना

इन चुनौतियों के बावजूद इंजीनियरों और श्रमिकों ने 65 मीटर तक गहरी कटाई करके सुरक्षित ट्रैक बिछाने का काम पूरा किया।


परियोजना से मिलने वाले लाभ

  • यात्रा समय में कमी – सड़क मार्ग से यात्रा सात घंटे में होती थी, जो अब मात्र तीन घंटे में पूरी होगी।
  • शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार तक पहुँच आसान होगी।
  • माल परिवहन सस्ता होगा, जिससे आवश्यक वस्तुओं की कीमतें घटेंगी।
  • वन आधारित उत्पाद, हस्तशिल्प और बागवानी के सामान को देशभर तक पहुँचाना सरल होगा।
  • प्रमुख स्टेशनों पर बने गुड्स शेड से व्यापार और रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।

पर्यटन को नई दिशा

आईआरसीटीसी ने अगस्त 2025 में मिज़ोरम सरकार के साथ दो वर्षीय समझौता किया है। इसके तहत “गुवाहाटी से आगे पूर्वोत्तर की खोज” विशेष पर्यटक ट्रेन में आइज़ोल को एक प्रमुख गंतव्य बनाया जाएगा। इस पहल से –

  • स्थानीय आतिथ्य उद्योग
  • होटल व्यवसाय
  • गाइडिंग सेवाएँ
  • हस्तशिल्प और वस्त्र व्यवसाय

को नई ऊर्जा मिलेगी और मिज़ोरम को पर्यटन मानचित्र पर मजबूत पहचान मिलेगी।


निष्कर्ष

बैरबी–सायरंग रेल परियोजना सिर्फ एक रेल लाइन नहीं है, बल्कि मिज़ोरम और पूरे पूर्वोत्तर भारत की सामाजिक-आर्थिक प्रगति की नई जीवनरेखा है। इस परियोजना से क्षेत्रीय संतुलन, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय एकीकरण को नई मजबूती मिलेगी।

यह ऐतिहासिक उपलब्धि पूर्वोत्तर भारत के लिए विकास की नई दिशा तय करेगी और मिज़ोरम को देश की मुख्यधारा से और गहराई से जोड़ेगी।

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