ढाका। 25 नवंबर बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उन्हें ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से हिरासत में लिया। उन पर देशद्रोह और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है। गिरफ्तारी के बाद देशभर में उनके समर्थन में प्रदर्शन तेज हो गए हैं।
गिरफ्तारी का घटनाक्रम
चिन्मय प्रभु ढाका से चटगांव जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां डिटेक्टिव पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। इस्कॉन के सदस्यों का कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तारी का कोई वारंट नहीं दिखाया। उन्हें एक माइक्रोबस में बैठाकर ढाका के मिंटू रोड स्थित डीबी कार्यालय ले जाया गया।
प्रदर्शनकारियों का उग्र प्रदर्शन
उनकी गिरफ्तारी के विरोध में ढाका के सहबाग इलाके में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारियों ने “हम न्याय के लिए मरेंगे, हम इसके लिए लड़ेंगे” जैसे नारे लगाए। दिनाजपुर और चटगांव में भी सड़क जाम कर प्रदर्शन किया जा रहा है।
आरोप और पृष्ठभूमि
चिन्मय कृष्ण दास पर बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) नेता फिरोज खान ने चटगांव में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला 25 अक्टूबर को चटगांव में आयोजित एक रैली से जुड़ा है, जहां चिन्मय प्रभु ने कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। इस रैली का आयोजन बांग्लादेश सनातन जागरण मंच ने किया था, जिसका नेतृत्व चिन्मय प्रभु ने किया था।
पुलिस का बयान
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रेजाउल करीम मल्लिक ने बताया कि चिन्मय प्रभु को पुलिस के अनुरोध पर हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है।
हिंदू समुदाय में आक्रोश
चिन्मय प्रभु ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद हिंदू समुदाय में आक्रोश है। समुदाय के लोग इसे अन्याय करार दे रहे हैं और उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं।
स्थिति तनावपूर्ण
गिरफ्तारी और प्रदर्शन के चलते ढाका, चटगांव और अन्य शहरों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं, इस्कॉन और अन्य संगठनों ने जल्द से जल्द चिन्मय प्रभु की रिहाई की मांग की है।