कोटा, 16 सितम्बर।(kailash vishwakarma) भारतीय रेलवे ने एक बड़ा फैसला लिया है जो सीधे लाखों यात्रियों की सुविधा और पारदर्शिता से जुड़ा हुआ है। अब 1 अक्टूबर 2025 से, सामान्य आरक्षित टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के शुरुआती 15 मिनटों में केवल वही यात्री टिकट बुक कर पाएंगे, जिनका आधार प्रमाणीकरण पूरा हो चुका होगा। यह नियम IRCTC वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर टिकट बुक करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए लागू होगा।
रेलवे का कहना है कि इस कदम का मकसद है – आम उपयोगकर्ताओं को आरक्षण सुविधा का पहला लाभ दिलाना और दलालों व बेईमान तत्वों द्वारा टिकट बुकिंग के दुरुपयोग पर रोक लगाना।


आधार प्रमाणीकरण क्यों किया गया अनिवार्य?
पिछले कुछ वर्षों से रेलवे को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि टिकट खुलते ही कुछ सेकंडों में बड़ी संख्या में कंफर्म बर्थ एजेंटों या फर्जी आईडी से बुक हो जाती है। ऐसे में आम यात्री घंटों वेबसाइट पर कोशिश करता रह जाता था लेकिन उसे सिर्फ वेटिंग टिकट मिल पाता था।
यात्रियों की इस परेशानी को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने यह नया नियम लागू किया है। अब पहले 15 मिनट तक सिर्फ आधार-पहचाने गए असली उपयोगकर्ता ही टिकट बुक कर सकेंगे। इससे जहां फर्जी अकाउंट्स का खेल बंद होगा, वहीं यात्रियों को वास्तविक लाभ मिलेगा।
PRS काउंटर और एजेंटों के लिए कोई बदलाव नहीं
रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस नियम का असर केवल ऑनलाइन बुकिंग पर होगा। कम्प्यूटरीकृत पीआरएस काउंटरों से टिकट लेने वाले यात्रियों के लिए किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। वे पहले की तरह अपने समय पर टिकट ले सकेंगे।
इसी तरह अधिकृत टिकट एजेंटों पर लागू 10 मिनट का प्रतिबंध भी यथावत रहेगा। यानी, सामान्य आरक्षण खुलने के बाद पहले 10 मिनट तक एजेंट बुकिंग नहीं कर पाएंगे।
रेलवे की रणनीति – आम यात्री को प्राथमिकता
रेलवे मंत्रालय के अनुसार यह पहल “आम आदमी” के हित में है। अब तक देखा गया है कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग का सबसे ज्यादा फायदा दलालों को मिल रहा था, जबकि सामान्य यात्री को सिर्फ वेटिंग लिस्ट या तत्काल के लिए जूझना पड़ता था।
रेलवे की योजना है कि जैसे ही सामान्य टिकट खुले, पहले कुछ मिनटों तक सिर्फ वही लोग बुकिंग करें जिन्हें असल में यात्रा करनी है। आधार प्रमाणीकरण के जरिए यह सुनिश्चित होगा कि टिकट असली पहचान वाले व्यक्ति के नाम पर ही जारी हो।
कैसे होगा आधार प्रमाणीकरण?
IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर लॉगिन करते समय यात्रियों को अपने आधार नंबर को वेरिफाई करना होगा।
- अगर आधार पहले से लिंक है, तो सिर्फ OTP आधारित वेरिफिकेशन करना होगा।
- नए यूज़र्स को टिकट बुक करने से पहले आधार लिंकिंग पूरी करनी होगी।
- केवल सफल प्रमाणीकरण के बाद ही यात्री पहले 15 मिनट में टिकट बुक कर पाएगा।
यह व्यवस्था यात्रियों की पहचान को सुरक्षित करने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से लागू की गई है।
यात्रियों की प्रतिक्रियाएँ
इस फैसले को लेकर यात्रियों की मिश्रित प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं।
कुछ यात्रियों का कहना है कि –
“यह एक अच्छा कदम है। हमें हर बार वेटिंग टिकट मिल जाता था, जबकि बाद में पता चलता था कि एजेंटों ने टिकट कंफर्म करा लिया है। अब अगर आधार से टिकट बुक होगा तो सही यात्री को लाभ मिलेगा।”
हालांकि, कुछ यात्रियों ने आशंका जताई है कि इससे उन लोगों को परेशानी हो सकती है जिनके पास आधार लिंकिंग की जानकारी नहीं है या जिनका आधार मोबाइल नंबर से अपडेट नहीं है। रेलवे ने इस बारे में जागरूकता अभियान चलाने की भी योजना बनाई है।
दलालों और फर्जी बुकिंग पर लगेगी लगाम
टिकट बुकिंग में धांधली लंबे समय से रेलवे के लिए सिरदर्द रही है। तकनीकी विशेषज्ञ मानते हैं कि आधार प्रमाणीकरण लागू होने से फर्जी अकाउंट बनाकर टिकट बुक करने वालों की संख्या काफी हद तक घट जाएगी।
क्योंकि एक आधार नंबर से एक निश्चित संख्या में ही टिकट बुक किए जा सकते हैं, ऐसे में बड़े पैमाने पर टिकट खरीदने और बेचने का खेल असंभव हो जाएगा।
रेलवे के डिजिटल सुधारों की दिशा में बड़ा कदम
पिछले कुछ वर्षों में रेलवे लगातार अपनी सेवाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। ऑनलाइन टिकटिंग में बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, ई-रिफंड, और डिजिलॉकर से आईडी वेरिफिकेशन जैसी सुविधाएँ पहले ही शुरू की जा चुकी हैं।
आधार आधारित बुकिंग को इस श्रृंखला का एक और अहम कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष
रेलवे का यह नया नियम आम यात्रियों के लिए राहत और पारदर्शिता दोनों लेकर आएगा। 1 अक्टूबर से जब यह व्यवस्था लागू होगी तो लाखों यात्रियों की निगाहें इस पर टिकी होंगी कि वाकई इससे टिकट बुकिंग का अनुभव आसान और निष्पक्ष बनता है या नहीं।
संक्षेप में:
- पहले 15 मिनट में टिकट बुकिंग सिर्फ आधार प्रमाणीकरण वाले यूज़र्स के लिए।
- पीआरएस काउंटर से टिकट लेने वालों के लिए कोई बदलाव नहीं।
- अधिकृत एजेंटों पर लागू 10 मिनट का प्रतिबंध यथावत।
- मकसद – आम यात्री को प्राथमिकता और दलालों पर अंकुश।
