मंदसौर-सीतामऊ रोड की बदहाली: क्या प्रशासन किसी बड़ी मौत का इंतजार कर रहा है?
सीतामऊ, मंदसौर | यशस्वी दुनिया संवाददाता (MUKESH ASLIYA)

लगातार बारिश के चलते मंदसौर से सीतामऊ तक का मुख्य मार्ग एक जानलेवा चुनौती बन गया है। महज 16 इंच बारिश में ही इस सड़क की पोल खुल गई है। सीतामऊ फाटक तक की सड़क पर कीचड़, गड्ढे और फिसलन से हालत इतनी खराब हो चुकी है कि रोजाना 10 से 20 बाइक सवार फिसलकर घायल हो रहे हैं।
👁️ अधिकारी और जनप्रतिनिधि आँख मूंदकर गुजर रहे हैं!
यह वही सड़क है जिससे जिला प्रशासन, अधिकारी, विधायक व सांसद तक हर दिन सफर करते हैं। बावजूद इसके अब तक न कोई मरम्मत कार्य शुरू हुआ, न कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया, न ही कोई अस्थाई व्यवस्था की गई। ऐसा प्रतीत होता है मानो प्रशासन किसी बड़ी जानलेवा दुर्घटना के इंतजार में है।
💢 बाइक सवारों के लिए बना खतरा
बरसात के चलते सड़क किनारे चिकनी मिट्टी की कीचड़ इतनी ज्यादा हो गई है कि बाइक सवार अगर एक बार रोड से फिसलकर नीचे उतर गया, तो उसे वापस ऊपर लाना मुश्किल हो जाता है।
रोड के किनारे की मिट्टी इतनी फिसलन भरी हो चुकी है कि उसमें पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं।



📸 हादसों की तस्वीरें मीडिया में, पर प्रशासन मौन
पिछले 5 दिनों से लगातार बारिश हो रही है और स्थानीय मीडिया संस्थान लगातार इस विषय को प्रमुखता से उजागर कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
जनता की आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि जिम्मेदारों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है और वे तब जागेंगे जब किसी बड़ी अनहोनी की खबर मिलेगी।
❗ क्या चाहिए एक और जान?
एक सवाल जो पूरे सीतामऊ और मंदसौर की जनता पूछ रही है—
“क्या एक और मौत होगी तब जागेगा प्रशासन?“
सड़क पर गिरकर घायल हो रहे लोगों में अब बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं सभी शामिल हैं। अभी समय है कि सड़क की मरम्मत, साइड की मिट्टी हटाने और ट्रैफिक को नियंत्रित करने जैसे उपाय तत्काल किए जाएं।
यदि अब भी प्रशासन नहीं जागा तो इसके दुष्परिणाम केवल जनता नहीं, बल्कि सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधियों को भी झेलने होंगे।
📢 जनता की माँग
- तत्काल सड़क की मरम्मत हो
- फिसलन वाले हिस्सों पर चेतावनी बोर्ड लगाएं
- सड़क किनारे की मिट्टी व कीचड़ को हटाया जाए
- स्थानीय ट्रैफिक पुलिस को सतर्क किया जाए
