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May 14, 2025 2:16 pm

🔴 मंदसौर में फर्जी बैंक खातों के जरिए चीन और दुबई की सट्टा साइट्स को भेजे जा रहे थे अकाउंट, कोतवाली पुलिस ने किया खुलासा

📅 13 अप्रैल 2025 | (kailash vishwakarma)
मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर से एक बड़े साइबर अपराध का पर्दाफाश हुआ है। शहर कोतवाली थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो फर्जी बैंक खातों के जरिए चीन और दुबई की प्रतिबंधित ऑनलाइन सट्टा और गेमिंग साइट्स को सहयोग दे रहा था। इस गिरोह के सदस्य लोगों के नाम से फर्जी अकाउंट खोलकर उन्हें विदेशों में चल रहे अवैध ऑनलाइन गेम्स के खिलाड़ियों को बेचते थे।

thana shahar kotwali mandsaur

🔍 क्या है पूरा मामला?

12 अप्रैल 2025 को कोतवाली थाना, मंदसौर द्वारा दर्ज की गई एफआईआर (क्र. 187/2025) में IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120B (षड्यंत्र), और बीएनएस की नई धाराएं 318(4), 61(2) के तहत केस दर्ज किया गया है।

जांच अधिकारी उपनिरीक्षक शैलेन्द्र सिंह कनेश के अनुसार, आरोपी हर्षित (पिता विजय सिंह, निवासी जैन कॉलोनी, मंदसौर) और उसके सहयोगी लोगों से उनके दस्तावेज़ लेकर फर्जी बैंक खाते खुलवाते थे। इन खातों को फिर चीन और दुबई की ऑनलाइन सट्टा वेबसाइट्स, जैसे कि Dafabet, 1XBET, Fun88 और Betway जैसे अंतरराष्ट्रीय अवैध प्लेटफॉर्म्स के उपयोगकर्ताओं को भेजा जाता था।

💻 कैसे होती थी धोखाधड़ी की पूरी प्रक्रिया?

  1. आरोपी गिरोह लोगों को झांसा देकर या मामूली पैसों के बदले उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर हासिल करता था।
  2. इन दस्तावेजों की मदद से उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाए जाते थे, लेकिन इन खातों का इस्तेमाल असली व्यक्ति नहीं करता था।
  3. जब यह खाते चीन और दुबई के सट्टा वेबसाइटों के यूजर्स को बेच दिए जाते, तो विदेशी अकाउंट्स से इन खातों में पैसा ट्रांसफर किया जाता।
  4. ट्रांजैक्शन के दौरान, आरोपी लोग खाताधारकों के मोबाइल नंबर से आने वाला ओटीपी (OTP) खुद हासिल कर लेते और पैसों की निकासी कर लेते।
  5. इस पूरी प्रक्रिया में असली खाताधारक को पता तक नहीं चलता कि उनके नाम पर कोई अवैध लेनदेन हो रहा है।

🌐 सरकार द्वारा प्रतिबंधित अवैध ऑनलाइन गेम्स का जाल

भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई ऑनलाइन सट्टा और जुए से जुड़ी वेबसाइटों और ऐप्स को बैन किया है। इनमें Teen Patti Gold, Dream11 (कुछ राज्यों में), MPL, PUBG (बीजिंग सर्वर वर्जन), और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय 1XBET, Dafabet, Bet365, Fun88 जैसे प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
इन गेम्स में लोग भारी रकम लगाकर रियल मनी गेमिंग करते हैं, जो न सिर्फ आर्थिक रूप से हानिकारक है बल्कि इसके ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसे गंभीर अपराधों को भी अंजाम दिया जाता है।
📢 पुलिस की कार्रवाई और आगे की रणनीति
शहर कोतवाली पुलिस ने इस गिरोह की जड़ों तक पहुंचने के लिए डिजिटल फॉरेंसिक विशेषज्ञों और साइबर क्राइम यूनिट की मदद ली है। पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हो सकता है।

shailendra sing kanesh

उपनिरीक्षक शैलेन्द्र सिंह कनेश के मुताबिक –
“यह सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं है। आरोपी के पास से बरामद दस्तावेज़ों और बैंक डिटेल्स से हमें अंदेशा है कि दर्जनों खाते फर्जी नामों से खोले गए हैं। इन खातों का उपयोग केवल ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए किया गया।”


⚠ साइबर अपराधियों से बचने के लिए पुलिस की अपील

कभी भी किसी अंजान व्यक्ति को अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर या ओटीपी शेयर न करें।

अपने बैंक खाते की गतिविधियों पर नजर रखें। अनजान लेनदेन की स्थिति में तुरंत पुलिस और बैंक को सूचित करें।

अवैध ऑनलाइन गेम्स या सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स से दूरी बनाएं — ये न केवल कानून के खिलाफ हैं, बल्कि आपके डेटा और पैसों के लिए भी खतरा हैं।


📌 निष्कर्ष

मंदसौर में उजागर हुआ यह केस महज एक शुरुआत हो सकता है। पुलिस की सतर्कता से एक बड़े ऑनलाइन सट्टा रैकेट की परतें खुल रही हैं, जिसमें विदेशी लिंक, डिजिटल पेमेंट सिस्टम का दुरुपयोग और निर्दोष लोगों की पहचान का शोषण शामिल है।
साइबर सुरक्षा के इस युग में, जरूरी है कि आम जनता भी सतर्क और जागरूक रहे।

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