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June 20, 2025 7:32 pm

तेज रफ्तार कार ने छीन ली मौसी की जान: फोरलेन बना ‘मौत का हाईवे’, दो दिन में तीसरी जान गई!

शामगढ़
गरोठ-उज्जैन फोरलेन पर एक और दर्दनाक हादसे ने इलाके को झकझोर कर रख दिया। सोमवार की दोपहर गरोठ की ओर से शामगढ़ आ रहे साजिद खान और उनकी मौसी फातिमा बी को  तेज रफ्तार कार ने जोरदार टक्कर मार दी। दुर्घटना में फातिमा बी की मौके पर ही मौत हो गई l मौके पर रोड पर कार के टायर के भी निशान दिखाई दे रहे है जिससे लगता है कि कार द्वारा बाइक चालक को बचाने की कोशिश भी की गई
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा ढाबला गुर्जर के पास हुआ जब साजिद अपनी मोटरसाइकिल को शामगढ़ की ओर उतारने के लिए धीमा कर रहा था, तभी तेज गति से आ रही कार (क्रमांक MP13CA8108) ने  टक्कर मार दी। हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई,https://yashasviduniya.com/horrific-road-accident-on-garoth-ujjain-fourlane-painful-death-of-two-youths/


स्थानीय पार्षद ने दिखाई मानवता
वार्ड नंबर 15 के पार्षद फारुख मेव को जैसे ही हादसे की सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे और अपनी निजी गाड़ी से मृतका फातिमा को शासकीय अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में इस दौरान भारी भीड़ जमा हो गई, और लोगों में प्रशासन के प्रति गुस्सा देखने को मिला।
लगातार हादसों का ट्रैक रिकॉर्ड, लेकिन अब तक बेपरवाह प्रशासन
यह वही फोरलेन है जहां महज दो दिन पहले दो युवकों की जान तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आकर चली गई थी। अब फातिमा बी की मौत ने एक बार फिर प्रशासनिक व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है किफोरलेन पर संकेतक बोर्ड नहीं हैं,निर्माण कार्य के चलते रोड जर्जर है,और सबसे खतरनाक बात ये कि स्पीड कंट्रोल का कोई इंतजाम नहीं है।
“फोरलेन नहीं, मौत की पटरी बन चुका है ये रास्ता”:
स्थानीय निवासीयो का कहना है – “हर तीसरे दिन यहां किसी की जान जा रही है। प्रशासन तब जागेगा जब किसी अधिकारी के परिवार में यह हादसा होगा?”
जनता में उबाल, सोशल मीडिया पर भी उठी आवाज
सोशल मीडिया पर भी इस दर्दनाक हादसे को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। #ShamgarhHighwayHorror और #JusticeForFatima जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोगों ने एम्बुलेंस व्यवस्था, ट्रैफिक पुलिस की अनुपस्थिति और तेज गति से दौड़ती गाड़ियों पर लगाम न लगने को लेकर नाराजगी जताई।
अब सवाल ये है कि:
क्या प्रशासन इस फोरलेन को ‘सेफ जोन’ में बदलेगा?

क्या स्पीड कंट्रोल के उपाय किए जाएंगे?

और क्या इस बार किसी की जवाबदेही तय होगी?


अगर अब भी आंखें नहीं खुलीं, तो अगली मौत किसकी होगी — ये बस एक संयोग होगा।


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